याचिकाकर्ता को धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए चयनात्मक रुख रखने वाला नहीं : सुप्रीम कोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Jan 31, 2023 - 10:53 PM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने धार्मिक नाम या चिह्न वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर मंगलवार को याचिकाकर्ता से कहा कि उन्हें अवश्य ही ‘धर्मनिरपेक्ष' और ‘हर किसी के प्रति निष्पक्ष' होना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा कि वह इस बारे में विचार करेगा कि क्या इस विषय को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए। 

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की ओर से पेश हुए वकील द्वारा सैयद वसीम रिजवी की पीआईएल पर आपत्ति जताते हुए यह कहा। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सिर्फ इन दो दलों को पक्षकार बनाया है जिनके मुस्लिम नाम हैं, लेकिन अन्य धर्मों से संबंधित नाम या चिह्न वाले दलों को छोड़ दिया गया है। 

एआईएमआईएम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने भी कहा कि न्यायालय विषय को पांच न्यायाधीशों की एक वृहद पीठ के पास भेजने पर विचार कर सकता है क्योंकि किसी भी आदेश के दूरगामी परिणाम होंगे। न्यायमूर्ति शाह ने कहा कि न्यायालय इस बारे में विचार करेगा कि विषय को वृहद पीठ के पास भेजा जाए या नहीं। 

पीठ ने रिजवी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया से कहा, ‘‘आपको अन्य पक्षों द्वारा जताई गई आपत्तियों को ध्यान में रखना चाहिए...। '' न्यायालय ने कहा, ‘‘यह जरूरी नहीं है कि आप धार्मिक नाम वाले सभी राजनीतिक दलों को शामिल करें, बल्कि आप कम से कम एक धर्म या चिह्न वाली पार्टी को शामिल कर सकते हैं। ये आरोप नहीं होने चाहिए कि आप एक खास धर्म के खिलाफ जा रहे हैं।'' 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Pardeep

Related News

Recommended News