98 हजार करोड़ रुपए के गबन के आरोप में इंडियाबुल्स हाउसिंग के खिलाफ याचिका

punjabkesari.in Monday, Jun 10, 2019 - 09:39 PM (IST)

नई दिल्ली: इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईएचएफएल), उसके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ जनता के 98,000 करोड़ रुपए की हेराफेरी के आरोप में सोमवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई। याचिका में कंपनी , उसके चेयरमैन और निदेशकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंपनी के चेयरमैन समीर गहलोत और निदेशकों ने जनता के हजारों करोड़ रुपए के धन का हेरफेर करके उसका इस्तेमाल निजी काम में किया। 

यचिकाकर्ता और आईएचएफएल के एक शेयरधारक अभय यादव ने याचिका में आरोप लगाया है कि गहलोत ने स्पेन में एक प्रवासी भारतीय ( एनआरआई) हरीश फैबियानी की मदद से कई " मुखौटा कंपनियां " खड़ी कीं। इन कंपनियों को आईएचएफएल ने फर्जी तरीके और बिना आधार के भारी मात्रा में कर्ज दिए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन कंपनियों ने बाद में उस कर्ज का धन कुछ ऐसी अन्य कंपनियों को हस्तांतरित कर दिया जिनका कंपनियों का संचालन या परिचालन गहलोत, उनके परिवार के सदस्यों और इंडियाबुल्स के अन्य निदेशकों के हाथ में था। याचिका में कहा गया है कि यह घोटाला संबंधित सरकारी विभागों के अधिकारियों और लेखा परीक्षकों , क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। याचिका में सेबी , केंद्र , भारतीय रिजर्व बैंक,आयकर विभाग या संबंधित प्राधिकरण को इस मामले में कार्रवाई करने तथा निवेशकों के धन की रक्षा करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।


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shukdev

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