नौकरी की चिंता छोड़ो! सिर्फ ₹4 लाख लगाओ और बनो करोड़पति - जानिए कंपाउंडिंग की ताकत
punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 12:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हर कोई चाहता है कि कम रकम निवेश करके भविष्य में करोड़ों की संपत्ति बनाई जा सके, लेकिन अक्सर यह समझना मुश्किल हो जाता है कि ऐसा कैसे संभव हो सकता है। असल में, सही योजना, धैर्य और कंपाउंडिंग की ताकत को समझना ही इस सपने को हकीकत में बदलने की कुंजी है। अगर कोई निवेशक एक बार ₹4 लाख की राशि निवेश करता है और उसे समय के साथ बढ़ने देता है, तो यह रकम कुछ सालों में करोड़ों तक पहुंच सकती है।
लंप सम निवेश एक ऐसी रणनीति है जिसमें निवेशक अपनी पूरी राशि एक ही बार में लगाता है। इस तरीके में मंथली किस्तें भरने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि निवेश होते ही पैसा बाजार में काम करना शुरू कर देता है। खासतौर पर जब बाजार की कीमतें नीचे होती हैं या सही समय पर निवेश किया जाता है, तो इस तरीके का फायदा अधिक होता है। कंपाउंडिंग यानी ब्याज पर ब्याज मिलने की प्रक्रिया यहां अहम भूमिका निभाती है क्योंकि जितना जल्दी निवेश होगा, उतना ज्यादा समय पैसे के बढ़ने का मौका मिलेगा।
लंप सम निवेश का तरीका ऐसा है कि निवेशक एक बार पैसा निवेश करता है, और यह सीधे बाजार में लगा होता है। इसलिए, यह निवेश तेज़ी से बढ़ सकता है लेकिन बाजार के उतार-चढ़ाव का असर भी झेलना पड़ सकता है। इस वजह से, मुनाफे के साथ-साथ जोखिम भी रहता है। लेकिन सही समय पर और समझदारी से निवेश करने पर लंबे समय में अच्छे रिटर्न्स मिल सकते हैं।
इस तरीके के कई फायदे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि पूरी राशि निवेश के शुरुआत में ही काम करना शुरू कर देती है, जिससे कंपाउंडिंग का पूरा लाभ मिलता है। निवेश करना आसान होता है क्योंकि मंथली किस्तों की चिंता नहीं करनी पड़ती। यह तरीका उन लोगों के लिए भी उपयुक्त है जिन्हें कोई बड़ा बोनस या अतिरिक्त रकम मिली हो और वे उसे निवेश करना चाहते हों। लेकिन ध्यान रहे कि अगर बाजार की कीमतें बहुत ऊंची हों तो निवेश का रिटर्न आने में थोड़ा समय लग सकता है, और जोखिम भी अधिक होता है।
आइए एक उदाहरण से समझते हैं .... ₹4 लाख के एकमुश्त निवेश से कैसे करोड़ों की पूंजी बनाई जा सकती है। अगर यह निवेश 12% वार्षिक कंपाउंडिंग रिटर्न के साथ चलता है, तो 10 साल बाद यह राशि लगभग ₹12.42 लाख हो जाएगी। 15 साल में यह बढ़कर करीब ₹21.89 लाख, 20 साल में ₹38.58 लाख और करीब 29 वर्षों में ₹1.06 करोड़ तक पहुंच सकती है। यह सब कंपाउंडिंग की ताकत के कारण संभव होता है, जिसमें ब्याज पर भी ब्याज मिलता है।
यहां ध्यान देना जरूरी है कि ₹4 लाख को ₹1 करोड़ में बदलने का सफर आसान नहीं होता और इसे धैर्य, अनुशासन और लंबे समय तक निवेश बनाए रखने की जरूरत होती है। जल्द निवेश शुरू करना और समय के साथ निवेश को बनाए रखना सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है।