Uttarakhand Bus accident में 36 लोगों ने गंवाई जान, मातम के बीच 2 मुस्लिम लड़कों ने सोशल मीडिया पर बनाया मजाक
punjabkesari.in Wednesday, Nov 06, 2024 - 04:11 PM (IST)
नेशनल डेस्क : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में दो दिन पहले भीषण सड़का हादसा हुआ था। इस हादसे में बस ड्राइवर ने अचानक अपना नियंत्रण खो दिया, जिससे बस करीब 150 फीट गरही खाई में जा गिरी और बस में सवार 36 लोगों की मौत हो गई। इस घटना से पूरे देश में मातम का माहौल छा गया था। वहीं इस दर्दनाक हादसे के बाद मोहम्मद आमिर और जाकिर अली खान नामक दो लड़कों ने सोशल मीडिया पर विवादित और नफरत भरी पोस्ट की, जो लोगों को गहरे आघात पहुँचाने वाली थीं। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एक को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही दूसरे की तलाश जारी है।
- मोहम्मद आमिर ने हादसे की दर्दनाक तस्वीर के साथ लिखा, "हैप्पी दीवाली-फ्री होम डिलीवरी", जो हादसे का मजाक उड़ा रहा था
- वहीं, जाकिर अली खान ने पोस्ट पर कमेन्ट करते हुए लिखा, "इन्हें बाबा केदारनाथ ने बुला लिया," जो और भी अधिक अपमानजनक था।
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हादसे के बाद मातम का माहौल
आपको बता दें कि यह हादसा इतना दुखद था कि दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों में अत्यधिक शोक था। जब बस की तस्वीरें सामने आईं, तो उनके भयावह दृश्य ने सभी को झकझोर दिया। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया था, और पूरा समुदाय इस दर्दनाक घटना पर शोक मना रहा था। ऐसे में, मोहम्मद आमिर और जाकिर के द्वारा की गई इन नफरत भरी और अपमानजनक पोस्ट्स ने लोगों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई: मोहम्मद आमिर की गिरफ्तारी
इस मामले के बाद, उत्तराखंड पुलिस ने मोहम्मद आमिर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। आमिर को सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने और नफरत फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आमिर, जो नैनीताल के रामनगर का निवासी है, पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया के जरिए माहौल को और अधिक विघटनकारी बनाया। पुलिस ने जाकिर अली खान की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उसे भी जल्दी गिरफ्तार करने की योजना बनाई है।
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पोस्ट लोगों ने की सजा देने की मांग
यह घटना न केवल अल्मोड़ा बल्कि पूरे राज्य में एक सांप्रदायिक मुद्दा बन गई है। कई लोग सोशल मीडिया पर इन व्यक्तियों की कड़ी आलोचना कर रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि ऐसी नफरत फैलाने वाली पोस्ट्स पर कड़ी सजा दी जाए। यह घटना यह भी उजागर करती है कि किस प्रकार सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करके कुछ लोग धार्मिक उन्माद और सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं।
अल्मोड़ा के इस दर्दनाक हादसे के बाद, जहां पूरे राज्य और देश में दुख का माहौल था, वहीं कुछ लोग अपनी नफरत और उन्माद फैलाने की मानसिकता के चलते समाज में और अधिक विभाजन करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए एक आरोपी की गिरफ्तारी की है, और दूसरे की तलाश जारी है। यह घटना एक बार फिर से सोशल मीडिया की जिम्मेदारी और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।