भारत की चेतावनी के मद्देनजर आतंकवाद संबंधी अपनी नीति पर पुनर्विचार करे पाकिस्तान: उमर अब्दुल्ला

punjabkesari.in Sunday, Jul 20, 2025 - 04:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि पाकिस्तान की ‘‘शत्रुतापूर्ण मंशा'' जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने में सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। उन्होंने इसी के साथ पाकिस्तान को आगाह किया कि अब भारत किसी भी आतंकवादी हमले को ‘‘युद्ध की कार्रवाई'' के रूप में देखता है। अब्दुल्ला ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए एक साक्षात्कार में इस विमर्श को खारिज किया कि अनुच्छेद 370 को हटाना क्षेत्र में आतंकवाद का समाधान है। उन्होंने कहा कि हाल ही में पहलगाम में हुए हमले ने इस विमर्श को गलत साबित किया है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम चाहे कुछ भी करें, अगर पाकिस्तान की मंशा शत्रुतापूर्ण है, तो हम कभी पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे। मुझे लगता है कि पहलगाम ने यह साबित कर दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह विमर्श प्रसारित करने की बहुत कोशिश की कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अनुच्छेद 370 का नतीजा है। हम जानते हैं कि यह सच नहीं है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पाकिस्तान की मंशा का नतीजा है। इसीलिए अनुच्छेद 370 को हटाने से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद नहीं रुका।''

मुख्यमंत्री ने रेखांकित किया कि अब पाकिस्तान को आतंकवाद संबंधी अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने भारत के रुख में आए अहम बदलाव को रेखांकित करते हुए चेतावनी दी कि भारत सरकार ने आक्रामकता पर जवाबी कार्रवाई के लिए ‘‘बहुत सख्त मानदंड'' तय किए हैं। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान को यह समझाना है कि इस तरह की गतिविधियां हमारे लिए तो नुकसानदायक हैं ही, साथ ही उसके लिए भी घातक हैं।''

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब भारत सरकार ने सख्त मानदंड तय किया है कि किसी भी हमले को युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखा जाएगा, उसे देखते हुए पाकिस्तान को इस बात पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है कि क्या वह अपने पड़ोस को युद्ध में धकेलना चाहता है।'' अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा पहलगाम हमले में ‘‘सुरक्षा और खुफिया विफलता'' की बात स्वीकार किए जाने को पहला सकारात्मक कदम बताया। मुख्यमंत्री ने हालांकि कहा कि यह ‘‘काफी नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘26 लोग मारे गए। 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। चूक कहां हुई? इस पहलगाम की घटना ने दो देशों, दो परमाणु शक्तियों को युद्ध के लिए उकसाया।''

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘पहले कदम के तौर पर, यह सराहनीय है कि उपराज्यपाल (मनोज सिन्हा) ने कहा है कि वह जिम्मेदार हैं। लेकिन कमान की श्रृंखला में जवाबदेही तय की जानी चाहिए, क्योंकि अब हम जानते हैं कि यह सुरक्षा और खुफिया चूक थी। अगला कदम जिम्मेदारी तय करना होगा। और फिर सजा मिलनी चाहिए।'' मुख्यमंत्री से सवाल पूछा गया कि पहलगाम हमले के बाद क्या उनकी सरकार नाजुक स्थिति वाली शांति को पर्यटन को पुनर्जीवित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता के साथ संतुलित कर सकती है? उन्होंने इसके जवाब में कहा, ‘‘हमें अपने बलों पर भरोसा करना होगा कि वे सही काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि पहलगाम के परिणामस्वरूप जो भी कमियां सामने आई हैं, उन्हें दूर किया जाए।'' उन्होंने पर्यटन को पुनः शुरू करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों पर जोर देते हुए कहा, ‘‘पर्यटन जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।''


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News Editor

Parveen Kumar

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