पाकिस्तान ने इस मंदिर पर बरसाए 3000 बम, खरोंच तक नहीं आई

punjabkesari.in Thursday, Jun 16, 2016 - 08:26 AM (IST)

जैसलमेर: राजस्थान के जैसलमेर में एक ऐसा मंदिर है जो आज भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है। भारत-पाकिस्तान सीमा बने तनोट माता के मंदिर से 1965 के युद्ध से कई यादें जुड़ी हैं। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व रहा है। देश की पश्चिमी सीमा के निगेहबान जैसलमेर जिले की पाकिस्तान से सटी सीमा पर बना तनोट माता का मंदिर अपने आप में अद्भुत है। ये मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र के साथ-साथ भारत-पाक के 65 व 71 के युद्ध का गवाह भी है। श्रद्धालुओं का कहना है कि 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की  माता रक्षा करती है।

जैसलमैर से 120 किमी दूर पाक सीमा पर है स्थित
यह मंदिर जैसलमेर से थार रेगिस्तान से 120 किमी दूर सीमा के पास स्थित है। तनोट माता के मंदिर से भारत-पाकिस्तान युद्ध की कई अविस्मरणीय यादें जुड़ी हैं। यह मंदिर भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना के जवानों के लिए भी आस्था का केन्द्र रहा है। राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना को परास्त करने में तनोट माता की भूमिका बड़ी अहम मानी जाती है।

तनोट माता ने की भारतीय सैना की मदद
मान्यता है कि माता ने सैनिकों की मदद की और पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा। इस घटना की याद में तनोट माता मंदिर के संग्रहालय में आज भी पाकिस्तान द्वारा दागे गए जीवित बम रखे हुए हैं। पाकिस्तान ने तीन अलग-अलग दिशाओं से तनोट पर भारी आक्रमण किया। दुश्मन के तोपखाने जबरदस्त आग उगलते रहे। तनोट की रक्षा के लिए मेजर जय सिंह की कमांड में ग्रेनेडियर की एक कंपनी और सीमा सुरक्षा बल की दो कंपनियां दुश्मन की पूरी ब्रिगेड का सामना कर रही थीं। 1965 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना कि तरफ से गिराए गए करीब 3000 बम भी इस मंदिर पर खरोच तक नहीं ला सके, यहां तक कि मंदिर परिसर में गिरे 450 बम तो फटे तक नहीं

पाकिस्तान ने बिछाई थी चारों तरफ एंटी टैंक माईन्स 
पाकिस्तानी दुश्मनों की जबरदस्त आग उगलती तोपों ने तनोट को तीनों ओर से घेर लिया था और तनोट की रक्षा के लिए भारतीय सेना की कमान संभाले मेजर जयसिंह के पास सीमित संया में सैनिक और असलाह था। शत्रु सेना ने इस क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए तनोट से जैसलमेर की ओर आने वाले मार्ग में स्थित घंटियाली के आस-पास तक एंटी टैंक माईन्स लगा दिए थे ताकि भारतीय सेना की मदद के लिए जैसलमेर के सड़क मार्ग से कोई वाहन या टैंक इस और न आ सके। 

पाक ने बरसाए 450 तोप, लेकिन नहीं फटा एक भी
दुश्मन ने तनोट माता मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में करीब तीन हजार गोले बरसाए, लेकिन इनमें से अधिकांश अपना लक्ष्य चूक गए इतना ही नहीं पाक सेना द्वारा मंदिर को निशाना बना कर करीब 450 गोले बरसाए गए लेकिर माता के चमत्कार से एक भी बम फटा नहीं और मंदिर को खंरोंच तक नहीं आई और फिर माता के इन चमत्कारों से बढ़े भारतीय सेना के हौंसलों ने पाक सैनिकों को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। इस घटना के गवाह के तौर पर आज भी मंदिर परिसर में 450 तोप के गोले रखे हुए हैं। 

बीएसएफ 24 घंटे करती है मंदिर की सुरक्षा 
मंदिर के महत्व को देखते हुए बीएसएफ के जवानों द्वारा अब मंदिर की पूरी देख-रेख की जाती है। मंदिर की सफाई से लेकर पूजा अर्चना और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं का सारा प्रबंधन बीएसएफ के अधीन है। सेना द्वारा यहां पर कई धर्मशालाएं, स्वास्थ्य कैप और दर्शनार्थियों के लिये वर्ष पर्यन्त निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती है। नवरात्रों के दौरान जब दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़ जाती है, तब सेना अपने संसाधन लगा कर यहां आने वाले लोगों को व्यवस्थाएं प्रदान करती है। मंदिर में एक छोटा संग्रहालय भी है जहां पाकिस्तान सेना द्वारा मंदिर परिसर में गिराए गए वे बम रखे हैं जो नहीं फटे थे। 

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