एशिया व द.अफ्रीका में आंतकी ठिकाने बनाने में व्यस्त पाकिस्तान,रोहिंग्याओं को आतंकी बनाने की दे रहा ट्रेनिंग

punjabkesari.in Sunday, Aug 16, 2020 - 01:53 PM (IST)

इस्लामाबादः पूरी दुनिया में आतंकवाद की पनाहगाह के तौर पर जाने जाते पाकिस्तान की  नापाक हरकत सामने आई है। पाक की खुफिया एजेंसी ISI अब अपने देश के बाहर भी आतंकवाद को पोषित करने में जुट गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एशिया महाद्वीप में बढ़ते कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के बीच पाकिस्तान राजनयिक संबंध स्थापित करने और अफ्रीकी देशों में अपने राजनयिक मिशन स्थापित करने में व्यस्त है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान 2019 के बाद न सिर्फ अफ्रीकी महाद्वीप बल्कि एशिया में भी त्वरित गति से अपने राजनयिक संबंध और मिशन स्थापित करने के अलावा आंतकवादी ट्रेनिंग कैंपों को बढ़ावा दे रहा है जो भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है।

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D-W की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ एशिया डेमोक्रेटिक फोरम के एनालिस्ट सिगफ्रीड ओ वुल्फ ने बताया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार में आतंकवादी समूहों को ट्रेनिंग दे रही है। पाक का मकसद इन देशों में भी सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर यहा के हालात में अस्थिरता पैदा करना है। जानकारों के मुताबिक अफ्रीका में अस्थिरता पूरे विश्व को प्रभावित करने वाली है और महाद्वीप में कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद का नया अध्याय शुरू हो सकता है। जानकारी के अनुसार ISI जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के जरिए 40 रोहिंग्याओं को ट्रेनिंग देने में जुटी है।

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JMB ने 2016 में ढाका के एक कॉफी शॉप में हमला कर 22 लोगों की हत्या कर दी थी, इनमें ज्यादातर विदेशी थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को किसी तीसरे देश के जरिए सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना ज्यादा बेहतर लग रहा है। इससे यह फैक्ट और पक्का हो जाता है कि पाकिस्तान ही अफगानिस्तान और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक भारत लंबे समय से अफ्रीकी देशों में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शांति अभियानों में योगदान दे रहा है। इन अफ्रीकी क्षेत्रों में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों की संख्या में वृद्धि के साथ अफ्रीका में आतंकवाद-रोधी निर्माण क्षमता में भारत की भूमिका और बढ़ेगी । इन कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों में से अधिकांश का उद्देश्य दुनिया भर में इस्लामी शासन स्थापित करना है और पाक की नापाक इरादों के चलते भारत को इन संगठनों के लिए कार्यबल और संसाधनों के लेन-देन का केंद्र बनानैे की आशंका है ।

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म्यांमार की सीमा से लगे बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर आतंकी समूहों के लिए निशाना बन गए हैं। हालांकि, बांग्लादेश के सिक्युरिटी एक्सपर्ट अब्दुर राशिद ने बताया कि पिछले कुछ समय में चरमपंथी रोहिंग्याओं ने कुछ कोशिशें की थीं। लेकिन, बांग्लादेश ने उन्हें आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने से रोक दिया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकी समूहों को मदद कर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर सकता है। लेकिन, बांग्लादेश इस तरह की किसी भी गतिविधि को नहीं होने देगा।

 

म्यांमार के सैन्य अधिकारियों के मुताबिक बांग्लादेश-म्यांमार सीमा में सक्रिय रोहिंग्या विद्रोही समूह अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। एआरएसए के मेंबर शरणार्थी शिविरों में सक्रिय हैं। पाकिस्तान इनकी मदद कर रहा है। एआरएसए का लीडर अताउल्लाह पाकिस्तान में पैदा हुआ था और सऊदी अरब में पला बढ़ा। उसे और उसके दल को तहरीक -ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ट्रेनिंग दी है। एआरएसए और जेएमबी जुड़े हुए हैं। हथियारों की ट्रेनिंग के दौरान उनके वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं।


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Tanuja

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