सीमावर्ती इलाकों से विस्थापित लोगों ने की सुरक्षित स्थानों और बंकरों की मांग

punjabkesari.in Monday, Jan 22, 2018 - 05:19 PM (IST)

आर एस पुरा: पाकिस्तानी गोलाबारी की भय के साये में लगातार रहने वाले लोग सरकार से सुरक्षित क्षेत्र में जमीन मुहैया कराने और बंकर निर्माण करने का ‘वादा’ पूरा करने की मांग की है । ये लोग अपने घर वापस लौटने से भी डर रहे हैं । पाकिस्तान की ओर से की जा रही भारी गोलाबारी से प्रभावित तथा तीन राहत शिविरों में रहने वाले लोगों द्वारा यह मांग उठाई गई है। राज्य सरकार ने यहां तीन राहत शिविर स्थापित किए हैं। जम्मू, कठुआ और सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पास गुरुवार से पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के की जा रही अंधाधुंध गोलीबारी में चार पुलिस कर्मी सहित 12 लोग मारे गए हैं और 50 अन्य लोग घायल हुए हैं। केंद्र ने पिछले माह जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पास लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर 14,460 बंकरों के निर्माण के लिए 415.73 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। 

वर्ष 2015 में पीडीपी के साथ सरकार बनाने से पहले राज्य में चुनाव अभियान के दौरान भाजपा ने सीमावर्ती गांवों को 1361.25 वर्ग फुट भूमि देने का वादा किया था। पिछले साल राज्य सरकार ने विधानसभा को सूचित किया था कि उसने प्रत्येक परिवार को पांच मर्ला जमीन आवंटित करने की बजाय सीमावर्ती जिलों में बंकर निर्माण करने का फैसला लिया है क्योंकि लोगों को दूसरी जगह स्थानांतरित करना राज्य एवं देश के हित में नहीं है। बेघवाड़ा चोगा की निवासी सुदेश कुमारी ने कहा, ‘‘ हमें पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान से सिर्फ खोखले वादे और अनियंत्रित गोलीबारी ही मिल रही है। सरकार को अब कदम उठाने और गोलीबारी क्षेत्र से दूर सुरक्षित स्थान पर हमें पांच मर्ला जमीन मुहैया कराने का वादा पूरा करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा जीना हराम हो गया है।’’ 

अब्दुल्लिअन की 75 वर्षीय कृष्णा देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा, ‘‘हम हाथ जोड़कर कहना चाहते हैं कि हम अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि छर्रें हमारी छत्तों एवं दीवरों को भेद देते हैं। हमारी मानवीय आधार पर मदद की जानी चाहिए।’’ स्वास्थ्य मंत्री बाली भगत ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए कई पहल की हैं लेकिन पड़ोसी देश को ङ्क्षहसा की निरर्थकता को समझने और सकारात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है। 


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