Pahalgam Attack: टूरिज्म इंडस्ट्री को तगड़ा झटका: पहलगाम हमले के बाद हजारों बुकिंग्स कैंसिल
punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 05:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर की सुरम्य वादियां, जहां हर साल लाखों सैलानी प्रकृति की गोद में सुकून तलाशने आते हैं, एक बार फिर आतंक की चपेट में आ गई हैं। पहलगाम के बैसरन में हुए भीषण आतंकी हमले ने न सिर्फ 26 निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि कश्मीर के टूरिज्म सेक्टर की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया है। खासतौर पर पूर्वी भारत—जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा—से आने वाले पर्यटकों के बीच गहरी चिंता और डर का माहौल बन गया है।
पर्यटकों को बनाया गया निशाना, रद्द हो रहीं हजारों बुकिंग्स
घटना के बाद से ही ट्रैवल एजेंसियों के पास यात्रा रद्द करने के फोन की बाढ़ आ गई है। कोलकाता और अन्य पूर्वी शहरों से कश्मीर जाने वाले सैकड़ों ग्रुप्स ने अपनी ट्रिप कैंसल कर दी है। कई एजेंट्स ने बताया कि केवल बंगाल से ही रोज़ाना 300 से अधिक बुकिंग्स होती थीं, जिनमें से अधिकतर अब रद्द की जा रही हैं। ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (TEFI) के पूर्वी क्षेत्र प्रमुख बिलोलकषा दास ने कहा, "पिछले आतंकी हमलों में कभी पर्यटक सीधे निशाना नहीं बने थे। यह पहली बार है जब पर्यटकों पर हमला हुआ है, और इसका असर पूरे टूरिज्म इकोसिस्टम पर पड़ेगा।"
गर्मियों के सीजन की उम्मीदों पर पानी फिरा
यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब गर्मियों के टूरिज्म सीजन की शुरुआत हो रही थी, और स्थानीय कारोबारियों की नजरें सैलानियों की आमद पर टिकी थीं। लेकिन हमले की खबरों और भयावह तस्वीरों ने न सिर्फ संभावित पर्यटकों का मन बदल दिया, बल्कि पहले से की गई बुकिंग्स भी धड़ाधड़ कैंसिल हो रही हैं।
सीधे प्रभावित हो रहे होटल, हाउसबोट और गाइड्स
कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन एक अहम भूमिका निभाता है। होटल मालिकों, हाउसबोट ऑपरेटरों, ट्रैवल गाइड्स और टैक्सी ड्राइवरों तक, इस सेक्टर से हजारों लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े हैं। इस हमले ने उन्हें फिर से अनिश्चितता के गर्त में धकेल दिया है। ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि इस हमले के कारण लगभग 30% टूरिस्ट बुकिंग्स रद्द हो सकती हैं, जिससे घाटी में करोड़ों का आर्थिक नुकसान हो सकता है।
सवाल – क्या दोबारा लौटेगा सैलानियों का भरोसा?
पहलगाम, गुलमर्ग और श्रीनगर जैसे प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशंस पर अब भारी सुरक्षा तैनात की जा रही है, लेकिन सवाल अब यह है कि क्या पर्यटकों का भरोसा दोबारा बहाल हो पाएगा? और क्या कश्मीर फिर उसी गर्मजोशी से पर्यटकों का स्वागत कर पाएगा जैसा वह हमेशा करता आया है?
एक हमले की कीमत – जान भी गई, और रोटी भी
इस आतंकी हमले ने केवल मासूमों की जान नहीं ली, बल्कि उन हजारों परिवारों की रोज़ी-रोटी पर भी असर डाला जो पर्यटन पर निर्भर हैं। अब ज़रूरत है कि सिर्फ दोषियों को सज़ा दी जाए, बल्कि ऐसी ठोस रणनीति बनाई जाए जिससे कश्मीर की खूबसूरती को डर की परछाई से हमेशा के लिए आज़ादी मिल सके।