आज से खुलेंगे पहलगाम हमले के बाद बंद किए गए कई पर्यटन स्थल, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का बड़ा ऐलान
punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 12:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ऐलान किया है कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से बंद किए गए पर्यटन स्थल और पार्क आज चरणबद्ध तरीके से फिर से खोले जा रहे हैं। यह फैसला उन्होंने वार्षिक अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान अनंतनाग जिले के नुनवान बेस कैंप का दौरा करते हुए लिया।
सुरक्षा रिपोर्ट के आधार पर लिया गया फैसला
मनोज सिन्हा ने बताया कि सभी जिलों से सुरक्षा आकलन रिपोर्ट मिलने के बाद घाटी और जम्मू क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही धीरे-धीरे बहाल की जा रही है। उन्होंने कहा, '22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद कई जगहों को सुरक्षा कारणों से बंद करना पड़ा था। अब सभी जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ पर्यटन स्थलों को दोबारा खोलने का निर्णय लिया गया है।'
पहले चरण में आठ प्रमुख स्थल खोले गए
उपराज्यपाल ने बताया कि पहले चरण में आठ पर्यटन स्थलों को आम जनता के लिए खोला गया है, जिनमें अनंतनाग जिले के ये स्थल शामिल हैं:
- बेताब घाटी और पार्क (पहलगाम के पास)
- वेरीनाग गार्डन
- कोकरनाग गार्डन
- अच्छाबल गार्डन
इसके साथ ही श्रीनगर में ये स्थल भी खोले गए हैं:
- बादामवारी पार्क
- डक पार्क (निगीन झील के पास)
- तकदीर पार्क (हजरतबल के पास)
जम्मू क्षेत्र में भी जल्द खुलेंगे पर्यटन स्थल
एलजी ने बताया कि जम्मू क्षेत्र में भी इसी तरह की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। वहां भी पहले चरण में आठ पर्यटन स्थलों को खोलने की योजना है। हालांकि, उन स्थानों के नाम अभी घोषित नहीं किए गए हैं। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में और भी कई स्थानों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, सुरक्षा बनी रहेगी प्राथमिकता
प्रशासन को उम्मीद है कि पर्यटन स्थलों के दोबारा खुलने से अमरनाथ यात्रा के साथ-साथ आम पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। उपराज्यपाल ने कहा कि सुरक्षा, सफाई और बेहतर कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि आने वाले पर्यटकों को सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव मिल सके।
सरकार की प्रतिबद्धता
एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि यह कदम न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को फिर से जीवंत करने की दिशा में है, बल्कि यह सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जिसके तहत प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और लोगों की आजीविका को महत्व दिया जा रहा है।