पहलगाम का जल्लाद अब बना मासूम! मास्टरमाइंड सैफुल्लाह दुनिया के सामने गिड़गिड़ाया कहा – “मैंने कुछ नहीं किया”
punjabkesari.in Thursday, Apr 24, 2025 - 02:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 22 अप्रैल की दोपहर, जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में तबाही का मंजर उतरा जब लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर एक भयानक नरसंहार कर दिया। 26 निर्दोष जानें चली गईं, 20 लोग घायल हुए, और पूरा देश आक्रोश में जल उठा। इस हमले में केवल गोलियों की आवाज़ नहीं गूंजी, बल्कि एक पूरी कौम की पीड़ा गूंज उठी। धर्म पूछ-पूछकर गोलियां बरसाई गईं — ये हमला केवल लोगों पर नहीं, बल्कि भारतीयता और इंसानियत पर था।
मास्टरमाइंड की थरथराती सफाई: "मैं निर्दोष हूं"
हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जो लश्कर का ही एक फ्रंट संगठन है। हमले के कुछ दिन बाद TRF का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी अब दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा है। एक वीडियो में वह कहता है, “भारत मुझ पर झूठा आरोप लगा रहा है... मेरा इन हमलों से कोई लेना-देना नहीं है।” लेकिन हकीकत ये है कि महज चार दिन पहले, सैफुल्लाह ने POK में एक रैली में हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था और कश्मीर में 'जिहाद' की धमकी दी थी।
Statement by Foreign Secretary on the decision of the Cabinet Committee on Security (CCS):
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 23, 2025
🔗 https://t.co/sUAAqhsZVF
टीआरएफ और आईएसआई का खूनी गठजोड़
TRF, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर काम करता है। 2019 में बना यह संगठन कश्मीर में आतंकियों की भर्ती, हथियारों की तस्करी और ब्रेनवॉश अभियान जैसी गतिविधियों को अंजाम देता है। 2023 में भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन इसके नेटवर्क अब भी सक्रिय हैं।
पहलगाम से जवाब तक: भारत का पलटवार शुरू
हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक कड़े फैसले लेकर साफ कर दिया कि अब “निंदा नहीं, कार्रवाई होगी।” पीएम मोदी की अगुवाई में हुई CCS मीटिंग के बाद पांच बड़े एक्शन का ऐलान किया गया:
-
सिंधु जल समझौता निलंबित – 1960 से चल रहा पानी बंटवारे का समझौता अब रोक दिया गया है, जिससे पाकिस्तान में जल संकट गहराने की आशंका है।
-
अटारी बॉर्डर सील – वैध दस्तावेजों के साथ जो लोग भारत में दाखिल हो चुके हैं, उन्हें 1 मई तक वापस जाने का समय।
-
वीज़ा निलंबन और रद्दीकरण – सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं, उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ने के आदेश।
-
उच्चायोग में सैन्य अधिकारियों को निष्कासित किया गया – पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकारों को ‘अवांछित’ घोषित कर देश छोड़ने को कहा गया है।
-
उच्चायोग स्टाफ घटा – दोनों देशों के दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जा रही है।
भारत की चेतावनी: खून के बदले चुप्पी नहीं
पहलगाम का हमला पुलवामा, उरी और पठानकोट जैसे घावों को फिर से कुरेद गया है। लेकिन इस बार, भारत चुप नहीं बैठा। पाकिस्तान, जो अब तक आतंक की खेती करता रहा, आज खुद अपने बिछाए जाल में फंसा दिख रहा है।