संसद में असद्दुीन ओवैसी बोले- मैं घुसपैठिया नहीं घुसपैठियों का बाप हूं
punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2020 - 08:39 PM (IST)
नेशनल डेस्कः AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में ‘गोली मारो...’ वाले विवादित बयान को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि आज गोली मारो जैसे नारे लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश के गद्दारों को मारो कहा जाता है। ओवैसी ने कहा, “मुझे मारो गोली, मैं मरने को तैयार हूं।“ ओवैसी ने कहा कि ये लोग संविधान को खत्म करना चाहते हैं। भारत को हिटलर का देश बनाया जा रहा है।
NPR होगा तो NRC भी होगा
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग में लेते हुए ओवैसी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लाने पर कोई निर्णय नहीं होने से जुड़े सरकार के बयान का हवाला दिया और कहा कि प्रधानमंत्री को चुनौती है कि वह सदन में आकर जवाब दें कि क्या एनपीआर और एनआरसी से जुड़े हैं अथवा नहीं । उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार एनआरसी लाएगी या नहीं। भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के कार्यकाल में 1933 के जर्मनी के जैसे हालात हैं।
हैदराबाद से सांसद ने कहा कि सीएए का विरोध कर रहे लोग अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद को मुस्लिम महिलाओं का भाई कहते हैं और आज जब मुस्लिम महिलाएं धरने पर बैठी हैं तो उनको मुस्लिम महिलाओं से डर क्यों लगता है? ओवैसी ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के एक बयान की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘मुझे गोली मारो।'
'CAA नागरिकता लेता भी है'
औवैसी ने कहा कि CAA नागरिकता देता है और लेता भी है। असम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आप बंगाली हिन्दू को नागरिकता देना चाहते हैं। जबकि असम के 5 लाख मुसलमानों को नागरिकता नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये पहला कानून है जिसमें मजहब का नाम लेकर कानून बनाया गया।
ओवैसी ने कहा कि मैं घुसपैठिया नहीं घुसपैठियों का बाप हूं। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि देश का इतना पावरफुल होम मिनिस्टर है, तीन-तीन गोलियां चली हैं, यह कानून व्यवस्था है आपकी। ओवैसी ने कहा, "गोली मारो देश के गद्दारों को...मारो गोली मुझको...मुझे मारो गोली...मैं मरने को तैयार हूं...यह संविधान को खत्म करना चाहते हैं। यह भारत को हिटलर का देश बनाना चाहते हैं।" ओवैसी ने कहा कि इस राज में सत्ता का केंद्रीकरण हुआ है जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।