हमारी वजह से अब तक ‘भारत’ नहीं बना पाकिस्तान : संघ

punjabkesari.in Monday, Nov 02, 2015 - 09:16 PM (IST)

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पुरस्कार लौटाने के तरीके पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि इससे भारतीय मूल्यों के प्रति कथित बुद्धिजीवियों की वैचारिक असहिष्णुता उजागर होती है और वे जिस संघ पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, उसकी वजह से ही ‘भारत’ अब तक पाकिस्तान नहीं बना है। संघ के मुखपत्र ‘द आर्गेनाइजर’ में प्रकाशित संपादकीय में आज कहा गया है कि बिहार चुनाव के दौरान अचानक लेखकों पर हो रहे हमलों और गोमांस पर प्रतिबंध के राष्ट्रीय मुद्दा बनने से शिक्षा, फिल्म, कला, संस्कृति, मीडिया और वैज्ञानिक समुदाय के नामचीन लोगों में पुरस्कार लौटाने की होड़ मच गई है। उनके विरोध के इस तरीके से भारतीय मूल्यों, कला, संस्कृति एवं परंपरा के प्रति उनकी असहिष्णुता झलकती है।   

संपादकीय में कहा गया है कि साहित्यकारों के बाद वैज्ञानिक और फिल्म निर्माताओं ने , जिनमें से अधिकतर राजनीतिक झुकाव रखते हैं, सरकार को असहिष्णुता के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया । संघ ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि जो लोग गोमांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, वे लोग ही संघ पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। पी एम भार्गव जैसे वैज्ञानिक तो एक कदम बढ़कर यह कहते हैं कि भारत अब पाकिस्तान बनने की राह पर है और उन्होंने इसके लिए संघ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि संघ अल्पसंख्यकों के बीच भय का माहौल बना रहा है।   
 
संपादकीय में आरोप लगाया है कि विरोध करने वाले कई बुद्दिजीवी शुरू से ही मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी के विरोधी रहे हैं और उन्होंने लॉबिंग करके मोदी सरकार के प्रति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों की विचारधारा प्रभावित करने की कोशिश की। ये लोग जब इसमें असफल रहे तो उन्होंने नये तरीके अपनाए। दिल्ली चुनाव के समय चर्च पर हमला एक ऐसा ही मुद्दा था लेकिन चुनाव के बाद इसका कोई महत्व नहीं रहा और अब कोई इसके बारे में चर्चा भी नहीं करता।  
 
इसी तरह जब जम्मू कश्मीर में चुनाव थे जम्मू और कश्मीर तथा अफजल गुरु की फांसी का मामला मुद्दा बनाया गया और अब जब बिहार में चुनाव चल रहें हैं, तो लेखकों पर हमले और गोमांस पर प्रतिबंध राष्ट्रीय मुद्दे बन गए हैं। संपादकीय में कहा गया है कि जब लोकसभा चुनाव के पहले मुजफ्फरनगर में दंगे हुए, तब अखिलेश यादव की सरकार को निशाना बनाया गया लेकिन जब दादरी की दुखद घटना हुई तो किसी ने भी समाजवादी पार्टी को निशाना नहीं बनाया । 

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