एक डॉक्टर की जिद ने बदला सिस्टम: 8 साल की कानूनी लड़ाई के बाद FSSAI ने food products पर ORS के इस्तेमाल पर लगाई रोक
punjabkesari.in Friday, Oct 17, 2025 - 03:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एक हैदराबाद की बाल रोग विशेषज्ञ की सालों लंबी जद्दोजहद ने आखिरकार मीठे पेयों की झूठी मार्केटिंग पर शिकंजा कस ही दिया। डॉ. शिवरांजनी संतोष की सतत कानूनी मुहिम के चलते भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बड़ा कदम उठाया है। अब कोई भी फूड या ड्रिंक प्रोडक्ट तब तक ‘ORS’ (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट्स) नाम का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा, जब तक वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तय मानकों पर खरा न उतरे।
FSSAI का नया आदेश: ‘ORS’ नाम पर फुल स्टॉप
FSSAI ने 14 अक्टूबर को आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि अब किसी भी ब्रांड को ‘ORS’ शब्द का प्रयोग अपने उत्पादों के नाम में करने की अनुमति नहीं है, जब तक वह WHO द्वारा अनुशंसित फॉर्मूले के अनुसार न बना हो। इसके साथ ही 14 जुलाई 2022 और 2 फरवरी 2024 के वे पुराने आदेश भी रद्द कर दिए गए, जिनमें ब्रांड नाम के साथ ORS का प्रयोग कुछ शर्तों के साथ मान्य किया गया था।
‘डिस्क्लेमर’ भी अब काम का नहीं
पहले कुछ कंपनियों को यह छूट दी गई थी कि वे अपने उत्पाद पर “यह WHO द्वारा अनुशंसित ORS फॉर्मूला नहीं है” जैसे डिस्क्लेमर के साथ ORS शब्द का प्रयोग कर सकती हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। 15 अक्टूबर को FSSAI ने इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी कर दो टूक कहा कि कोई भी फल-आधारित, गैर-कार्बोनेटेड या रेडी-टू-ड्रिंक पेय जिसमें WHO मानक न हो, वह ‘ORS’ नहीं कहलाया जा सकता।FSSAI ने ऐसे नामकरण को “गुमराह करने वाला, भ्रामक, झूठा और उपभोक्ताओं को धोखा देने वाला” करार दिया है, जो फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत गैरकानूनी है।
We Have Won! No one can use ‘ORS’ on their label unless it’s a WHO-recommended formula.
— The Better India (@thebetterindia) October 16, 2025
This is the story of Dr. Sivaranjani Santosh, a braveheart paediatrician from Hyderabad, who fought for 8 years against sugar-rich drinks falsely marketed as ORS.
Her persistence led to… pic.twitter.com/sZZoNkAW6B
WHO के अनुसार क्या है असली ORS?
WHO के अनुसार मानक ORS में कुल 245 mOsm/L की ऑस्मोलैरिटी होनी चाहिए। इसमें प्रति लीटर पानी में होना चाहिए:
सोडियम क्लोराइड: 2.6 ग्राम
पोटैशियम क्लोराइड: 1.5 ग्राम
सोडियम साइट्रेट: 2.9 ग्राम
डेक्सट्रोज़ (चीनी): 13.5 ग्राम
कंपनियों के ‘झूठे ORS’ में क्या है?
कई नामी फार्मा कंपनियों के पेय जिनमें ORS लिखा होता है, उनमें चीनी की मात्रा करीब 120 ग्राम प्रति लीटर होती है – जो WHO मानक से लगभग 9 गुना अधिक है। इन पेयों में:
सोडियम: 1.17 ग्राम
पोटैशियम: 0.79 ग्राम
क्लोराइड: 1.47 ग्राम
यह मात्रा WHO के ORS मानकों से मेल नहीं खाती। ज़्यादा शक्कर बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए और अधिक खतरनाक साबित हो सकती है।
एक डॉक्टर की जिद ने बदला सिस्टम
डॉ. शिवरांजनी संतोष ने लगभग 8 साल पहले इन झूठे दावों के खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू की थी। 2022 में उन्होंने तेलंगाना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की, जिसमें इन नकली ORS उत्पादों की बिक्री को चुनौती दी गई थी। उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि कैसे बच्चे और उनके माता-पिता इन पेयों को सही ORS समझकर इस्तेमाल करते हैं, जबकि ये शरीर को फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचाते हैं।
“यह एक जंग थी” – डॉ. शिवरांजनी
FSSAI के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. शिवरांजनी ने कहा, “यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है, यह लोगों की ताकत की जीत है — सभी डॉक्टरों, वकीलों, माताओं और जागरूक लोगों की। मैंने कभी हार नहीं मानी, और आज सिस्टम ने सुनी। यह 8 साल की जंग थी, जिसमें 3 साल PIL में, और कई साल सिस्टम की चुप्पी से लड़ने में लगे। लेकिन अब एक बदलाव आया है।”