बालासोर ट्रेन हादसे में सीबीआई जांच पर विपक्ष ने उठाए सवाल, कांग्रेस बोली- हैडलाइन मैनेजमेंट

punjabkesari.in Tuesday, Jun 06, 2023 - 05:03 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस ने बालासोर रेल हादसे की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के औचित्य पर मंगलवार को सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए 'हेडलाइन मैनेजमेंट' में लगी हुई है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने वर्ष 2016 में कानपुर के निकट हुए एक रेल हादसे का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि उस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक पता नहीं चल पाया कि उस जांच का नतीजा आखिर क्या निकला। उन्होंने दावा किया कि बालासोर रेल हादसे के मामले में रेलवे सुरक्षा आयुक्त की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही सीबीआई जांच का ऐलान कर दिया गया।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार की शाम घोषणा की थी कि बालासोर रेल हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘करीब 300 लोगों की जान चली गई है और आज भी इस सवाल का जवाब नहीं है कि इन मौतों का जिम्‍मेदार कौन है? कल जब हम-आप, आपका परिवार, देश के लोग रेल में बैठेंगे तो यह याद रखें कि आप यह सफर अपने जोखिम पर कर रहे हैं, सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है।'' उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब नैतिक ज़िम्मेदारी लेकर रेल मंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए, तब ध्यान भटकाने के लिए नई-नई कहानी गढ़ी जा रही है। इस सरकार में कोई जवाबदेही नहीं है।''

सुप्रिया ने कहा, ‘‘सवाल है कि क्या सीबीआई और एनआईए सच में कुछ कर पाएंगी? कानपुर और कुनेरु रेल हादसे की जांच एनआईए को सौंपी गई थी, आज सात साल बाद भी इन मामलों में आरोपपत्र दायर नहीं हुआ है। जो इस मामले में विशेषज्ञ हैं उनसे इसकी जांच करानी चाहिए। सरकार की विफलता से ध्‍यान हटाने के लिए एनआईए और सीबीआई को इन मामलों में शामिल नहीं करना चाहिए।'' उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या सीबीआई पता करेगी कि पटरी की मरम्मत और नई पटरियां बिछाने का बजट जो 2018-19 में 9607 करोड़ रुपये था वह 2019-20 में घटकर 7417 करोड़ रुपये क्यों हुआ? क्या सीबीआई यह पता करेगी कि रेल चिंतन शिविर में जब हर ज़ोन को सुरक्षा पर बोलना था, वहां सिर्फ़ एक ही ज़ोन को क्यों बोलने दिया गया और इस शिविर में सारा ध्यान 'वंदे भारत' पर केंद्रित क्यों था?''

कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा, ‘‘कैग की रिपोर्ट में जिक्र है कि 2017-21 के दौरान 10 में से करीब सात हादसे ट्रेन के पटरी से उतरने की वजह से हुए। क्या सीबीआई इस बारे में पता करेगी?'' उन्होंने कहा, ‘‘क्या सीबीआई पता लगाएगी कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष की फंडिंग 79 प्रतिशत कम क्यों की गई है? क्या सीबीआई मालूम करेगी कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का बजट क्यों आवंटित नहीं हुआ, जैसा कि वादा था? क्या सीबीआई पता लगाएगी कि तीन लाख से ज़्यादा पद रेल विभाग में खाली क्यों हैं और लोको चालक से 12 घंटे से ज़्यादा की ड्यूटी क्यों कराई जा रही है?''

रमेश ने ट्वीट कर कहा, "रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा बालासोर रेल हादसे के बारे में अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही सीबीआई जांच की घोषणा कर दी गई। यह कुछ और नहीं, बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है।'' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने एक बयान में कहा कि 2017 में रेल बजट की व्यवस्था खत्म किया जाना मौजूदा सरकार की सबसे बड़ी गलती थी और अब रेलवे के लिए अलग से बजट लाने की व्यवस्था बहाल होनी चाहिए।

एक दिन पहले, सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बालासोर रेल हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा था कि सीबीआई की जांच से ‘तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलताओं' की जवाबदेही तय नहीं हो सकती। उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि सीबीआई रेल दुर्घटनाओं की जांच के लिए नहीं है, वह अपराधों की छानबीन करती है।

उल्लेखनीय है कि ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम करीब सात बजे ‘लूप लाइन' पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए। इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की जान चली गई तथा लगभग 900 से अधिक लोग घायल हो गए। इस मामले की सीबीआई जांच की घोषणा की गई है।

 


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Content Writer

Yaspal

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