US की दो टूक: भारत-पाक के बीच शांति की जिम्मेदारी पाकिस्तान की

punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2019 - 04:43 PM (IST)

वॉशिंगटन: भारत-पाक के बीच तनाव पर अमेरिका के व्हाइट हाउस के अधिकारी का कहना है कि कहा कि आतंकवादी समूहों को अलग-थलग करके दक्षिण एशिया में सतत शांति लाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद इमरान खान सरकार की तरफ से मिले नए शांति संदेशों के बीच अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार से स्पष्ट तौर पर कहा कि अमेरिका वास्तव में चाहता है कि पाकिस्तान में गिरफ्तारियां हों और मुकदमे चलें तथा इन समूहों को आजाद घूमने, हथियार खरीदने, भारत में प्रवेश करने और हमले करने नहीं दिए जाएं।’

PunjabKesari

नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ऐसे सतत कदम देखना चाहता है जिनसे आतंकियों की गतिविधियां बंद हो जाएं। भारत-पाक तनाव पर अमेरिका के आकलन से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए अधिकारी ने कहा, ‘‘जब तक इन समूहों को अलग-थलग नहीं किया जाता, तब तक भारत और पाकिस्तान के लिए सतत शांति हासिल करना बहुत कठिन है। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर अमेरिका ने पाकिस्तान को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कुछ शुरूआती कदम उठाते देखा है।

PunjabKesari

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इन कदमों का स्वागत करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने हमेशा इस बात पर सहमति जताई है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बुनियादी कारणों पर ध्यान देना जरूरी है। यह तनाव आतंकी ताकतों की वजह से है जिनकी पाकिस्तान की सरजमीं पर पनाहगाह हैं। इसलिए हम निश्चित रूप से एक ऐसे माहौल के निर्माण को प्रोत्साहित करते हैं जिसमें संवाद होगा।’’ गौरतलब है कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री मोदी के पुन: चुने जाने के बाद लिखे दूसरे पत्र में कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे समेत सभी मतभेदों को सुलझाने के लिए भारत के साथ बात करना चाहता है।

PunjabKesari

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों की जनता को गरीबी से उबारने के लिए दोनों के बीच वार्ता ही एकमात्र समाधान है और क्षेत्र के विकास के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। हालांकि, भारत ने बातचीत के पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा है कि आतंकवाद और वार्ता साथ में नहीं चल सकते और किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में 13-14 जून को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से इतर दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच किसी द्विपक्षीय मुलाकात की योजना नहीं है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News