पीएम ने किया देश के पहले ऑनलाइन खिलौना मेला का उद्घाटन, बोले- हमारी संस्कृति होगी और मजबूत

Saturday, Feb 27, 2021 - 11:59 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से देश के पहले ऑनलाइन  खिलौना मेले 2021 का उद्घाटन किया।   इस मेले का आयोजन कोरोना महामारी के मद्देनजर वर्चुअल माध्यम से किया जा रहा है और इसमेें देश के 30 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के 1000 से भी ज्यादा खिलौना बनाने वाले शामिल होंगे। इस दौरान पीएम ने कहा कि ये पहला toy fair केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है। ये  देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है।


पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें:-

  • सिंधुघाटी सभ्यता, मोहनजो-दारो और हड़प्पा के दौर के खिलौनों पर पूरी दुनिया ने रिसर्च की है।
  • प्राचीन काल में दुनिया के यात्री जब भारत आते थे, तो भारत में खेलों को सीखते भी थे, और अपने साथ लेकर भी जाते थे।
  • आज जो शतरंज दुनिया में इतना लोकप्रिय है, वो पहले ‘चतुरंग या चादुरंगा’ के रूप में भारत में खेला जाता था।
  • आधुनिक लूडो तब ‘पच्चीसी’ के रुप में खेला जाता था।
  • हमारे धर्मग्रन्थों में भी बाल राम के लिए अलग-अलग कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है।

 

eco-friendly चीजों से बनते हैं भारतीय खिलौने: पीएम मोदी

  • Reuse और recycling जिस तरह भारतीय जीवनशैली का हिस्सा रहे हैं, वही हमारे खिलौनों में भी दिखता है।
  • ज़्यादातर भारतीय खिलौने प्राकृतिक और eco-friendly चीजों से बनते हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं।
  • हमारे यहां खिलौने ऐसे बनाए जाते थे जो बच्चों के चहुंमुखी विकास में योगदान दें।
  • आज भी भारतीय खिलौने आधुनिका फैंसी खिलौनों की तुलना में कहीं सरल और सस्ते होते हैं, सामाजिक-भौगोलिक परिवेश से जुड़े भी होते हैं।


पीएम मोदी ने रवीन्द्र नाथ टैगोर को किया याद 

  • गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने अपनी कविता में कहा है- एक खिलौना बच्चों को खुशियों की अनंत दुनिया में ले जाता है।
  • खिलौना का एक-एक रंग बच्चे के जीवन में कितने ही रंग बिखेरता है।
  • हमारी परंपराओं, खानपान, और परिधानों में ये विविधतायें एक ताकत के रूप में नजर आती है।
  • इसी तरह भारतीय toy industry भी इस unique Indian perspective को, भारतीय विचारबोध को प्रोत्साहित कर सकती हैं।

 

खिलौने बच्चे के चहुमुखी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके अंदर कौशल को भी बढाते हैं। प्रधानमंत्री ने गत अगस्त में मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि खिलौनों से बच्चों में गतिविधि तो बढती ही है उनकी आकांक्षाओं को भी उडान मिलती है। बच्चों के समग्र विकास में खिलौनों के महत्व का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इससे पहले भी देश में खिलौनों के विनिर्माण को बढाने पर जोर दिया था। इस मेले का आयोजन प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार किया जा रहा है। इस मेले के आयोजन का उद्देश्य सभी पक्षधारकों जैसे खरीददार, विक्रेता , छात्रों , अध्यापकों और डिजायनर आदि को एक वर्चुअल मंच पर लाना है। इस मंच के माध्यम से सरकार और उद्योग दोनों मिलकर इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे भारत को दुनिया में खिलौना विनिर्माण का गढ बनाना है। 

vasudha

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