भारत में यहां मिला ''तेल का खजाना'', अब इंडिया नहीं रहेगा विदेशी तेल पर निर्भर, जानिए पूरी रिपोर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 03:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में इतिहास रचने की कगार पर कदम रख दिया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने बताया कि अंडमान सागर के गहरे समुद्र क्षेत्र में एक विशाल कच्चे तेल भंडार के संकेत मिले हैं। अगर यह पूरी तरह से पुष्ट हो जाता है तो यह भारत को न केवल विदेशी तेल आयात से मुक्ति दिलाएगा बल्कि उसे तेल निर्यातक देशों की कतार में ला खड़ा करेगा।
क्या बोले पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी?
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने खुलासा किया है कि अंडमान सागर में 1.84 लाख करोड़ लीटर कच्चे तेल की संभावनाएं नजर आ रही हैं। उनके अनुसार, यह खोज गुयाना की तरह हो सकती है, जहां समुद्री तल में तेल मिलने के बाद वहां की अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव आया। पुरी ने कहा "कृष्णा-गोदावरी बेसिन के बाद अब अंडमान क्षेत्र से भी हमें पॉजिटिव संकेत मिले हैं। अगर यह खोज सफल होती है, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को 3.7 ट्रिलियन डॉलर से 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सकती है।"
ONGC ने रिकॉर्ड खुदाई की
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने इस दिशा में बड़ी पहल की है।
2024 में ONGC ने पिछले 37 वर्षों में सबसे अधिक 541 कुएं खोदे, जिसमें शामिल हैं:
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103 खोज कुएं (Exploration Wells)
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438 विकास कुएं (Development Wells)
इसके साथ ही कंपनी ने ₹37,000 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे बड़ा पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) भी किया।
समुद्री इलाके में चल रही है खुदाई
सरकार ने अंडमान सहित भारत के अनछुए समुद्री बेसिनों में तेल और गैस की खोज के लिए नीतियों में ढील दी है। ONGC और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों ने गहरे समुद्र में ड्रिलिंग शुरू कर दी है, जिससे जल्दी ही व्यावसायिक उत्पादन की संभावना बन रही है। पुरी ने बताया कि जैसे गुयाना में 43 कुएं खोदने के बाद 41वें कुएं में सफलता मिली थी, उसी तरह भारत को भी सहनशीलता और समय की जरूरत है।
भारत की ऊर्जा जरूरत और यह खोज क्यों जरूरी है?
वर्तमान में भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का करीब 85% आयात करता है।
इससे देश पर भारी विदेशी मुद्रा खर्च होता है और तेल की कीमतों में वैश्विक उतार-चढ़ाव का सीधा असर घरेलू अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
अगर अंडमान की खोज सफल होती है, तो:
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आयात पर निर्भरता बड़े स्तर पर घटेगी
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पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हो सकती हैं
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भारत की एनर्जी सेक्योरिटी मजबूत होगी
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देश को तेल निर्यातक बनने का भी मौका मिल सकता है
भारत की वैश्विक स्थिति होगी मजबूत
अगर भारत इस खोज को वाणिज्यिक स्तर तक ले जाने में सफल रहा तो:
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ग्लोबल क्रूड ऑयल मार्केट में भारत की पोजिशन बदलेगी
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भारत तेल क्षेत्र में निवेशकों के लिए बड़ा हब बन सकता है
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घरेलू रिफाइनरियों को सस्ते कच्चे तेल की सुविधा मिलेगी