तेल के खेल में चीन बना नया ‘किंग’, कीमतों को खुद कर रहा कंट्रोल
punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 01:37 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः तेल की दुनिया में आमतौर पर माना जाता रहा है कि OPEC+ जैसे बड़े तेल उत्पादक ही कीमतें तय करते हैं। वे उत्पादन घटाकर या बढ़ाकर बाजार में संतुलन बनाते हैं लेकिन साल 2025 में इस पुरानी सोच को चुनौती मिली। दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक चीन अपनी खरीद और भंडारण रणनीति से तेल की कीमतों के लिए ‘फ्लोर’ और ‘सीलिंग’ तय करने लगा।
चीन की चाल से तय हुई कीमतें
OPEC+ ने अप्रैल 2025 में उत्पादन बढ़ाया लेकिन बढ़ी हुई कीमतें गिरने लगीं। इस अतिरिक्त तेल को खपाने और बाजार को स्थिर रखने की जिम्मेदारी चीन के पास आ गई। चीन अपनी स्ट्रैटेजिक और व्यावसायिक तेल भंडारण की जानकारी सार्वजनिक नहीं करता, जिससे यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि असल में कितना तेल बाजार में आ रहा है या जा रहा है।
2025 में चीन की रणनीति
साल 2025 के पहले 11 महीनों में चीन ने रोजाना लगभग 9.8 लाख बैरल अतिरिक्त तेल भंडारित किया। कुल आयात और घरेलू उत्पादन 15.80 मिलियन बैरल प्रति दिन था, जबकि रिफाइनरियों ने 14.82 मिलियन बैरल का इस्तेमाल किया। चीन का यह रणनीतिक खेल इस बात पर निर्भर करता है कि कीमतें गिरती हैं या बढ़ती हैं। जब कीमतें गिरती हैं, चीन ज्यादा खरीदता है और जब बढ़ती हैं, आयात कम कर देता है।
भंडारण क्षमता बढ़ा रहा चीन
चीन के पास अब तक लगभग 1 बिलियन से 1.4 बिलियन बैरल तेल जमा होने का अनुमान है। इसके अलावा, सरकारी तेल कंपनियों सिनोपेक और CNOOC ने 2025 और 2026 में 11 नई जगहों पर 169 मिलियन बैरल की अतिरिक्त क्षमता जोड़ी है।
2026 का बड़ा सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चीन इसी रणनीति के साथ भंडारण बढ़ाता रहा, तो साल 2026 में सप्लाई की अतिरिक्त मात्रा का बड़ा हिस्सा उसके टैंकों में जाएगा। इसका असर यह होगा कि तेल की कीमतों का न्यूनतम और अधिकतम स्तर चीन तय करेगा। कीमतें गिरने पर चीन खरीदेगा, कीमतें ज्यादा बढ़ीं तो आयात कम करेगा। इस तरह चीन तेल बाजार में OPEC+ के बराबर या उससे भी ज्यादा ताकत दिखा सकता है।
