ऑफ द रिकॉर्ड: 403.07 करोड़ की डील, चिदम्बरम को मिली 9.96 लाख की रिश्वत

punjabkesari.in Tuesday, Oct 22, 2019 - 04:58 AM (IST)

नेशनल डेस्क: यह एक मजाक से ज्यादा नहीं हो सकता और जिस तरह से सी.बी.आई. हाई प्रोफाइल मामलों में काम कर रही है, उस पर लोगों को केवल हंसना होगा।आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि आई.एन.एक्स. में 403.07 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश किया गया जोकि एक घोटाला था परन्तु अनुमान लगाएं कि सी.बी.आई. ने जांच में पी. चिदम्बरम तथा उनके घनिष्ठ सहयोगियों के खिलाफ क्या पाया है?
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सी.बी.आई. ने आरोप पत्र में आरोप लगाया कि लगभग 9.96 लाख रुपए का रिश्वत के रूप में भुगतान किया गया है। जिस परामर्शदाता कम्पनी को यह भुगतान किया गया उसे कार्ति कार्यान्वित कर रहे थे। सी.बी.आई. ने विदेश से रिश्वत के रूप में 5 मिलियन डॉलर के भुगतान की भी बात कही है। हालांकि इसका कोई दस्तावेज या विवरण उपलब्ध नहीं है कि यह रकम किस खाते में भेजी गई। 
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सी.बी.आई. ने विदेश से किए गए भुगतान के आरोपों की जांच में दावा किया कि लाखों रुपए सिंगापुर, मॉरीशस, बरमूडा, यू.के. तथा स्विट्जरलैंड से भेजे गए हैं। हालांकि आगे की जांच जारी है। इसका मतलब यह है कि 400 करोड़ रुपए की डील के मामले में रिश्वत की रकम 10 लाख से कम है। इससे यह भी स्पष्ट है कि चिदम्बरम लंबी दौड़ में हैं क्योंकि यू.पी.ए. शासनकाल में उनके बतौर वित्त मंत्री कार्यकाल दौरान हुई सभी एफ.आई.पी.बी. डील्स की सी.बी.आई. जांच कर रही है।
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सी.बी.आई. अनुसार उनके बेटे कार्ति के काम करने के तरीके इस तरह थे : वह मंत्रालय के कुछ जूनियर नौकरशाहों के माध्यम से काम करेंगे जोकि उन्हें ऐसी डील्स की सूचना देंगे तथा कार्ति के खासमखास 1 प्रतिशत अथवा डील की राशि का आधा प्रतिशत परामर्श शुल्क के रूप में मांगेंगे। वहीं कम से कम ऐसी 20 डील्स की पहचान की गई है जिनको पी. चिदम्बरम द्वारा मंजूरी दी गई है और इनमें उनके पुत्र ने बाहर से लाभ अर्जित किया है। यह एक बहुत ही अजीब तरह का व्यापार है और यदि साक्ष्य खिलाफ हैं तो चिदम्बरम के लिए गंभीर मुसीबत खड़ी हो सकती है।


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Pardeep

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