ऑफ द रिकॉर्ड: 1.20 लाख अधिकारियों के काम की समीक्षा, 312 की छुट्टी

punjabkesari.in Saturday, Jul 13, 2019 - 05:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्मिक विभाग को निर्देश दिया था कि ग्रुप-ए और बी के अधिकारियों के आचरण और कार्यप्रणाली की समीक्षा की जाए। मोदी ने यह आदेश मई 2014 में सत्ता में आने के तुरंत बाद दिया था। 
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पिछले 5 वर्षों में इस मंत्रालय ने फंडामैंटल रूल 56 (जे) के तहत ग्रुप ए के 36,756 और बी के 82,654 अधिकारियों के आचरण और कार्यप्रणाली की समीक्षा की है। लगभग 1.20 लाख अधिकारियों की समीक्षा करना एक कठिन कार्य था लेकिन इसके लिए डी.ओ.पी.टी. के अंदर एक विशेष कार्य बल गठित किया गया था जिसने जुलाई 2014 से मई 2019 के बीच अधिकारियों की परफॉर्मैंस की समीक्षा की। 
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खास बात यह रही थी कि 312 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई। इनमें से 125 अधिकारी ग्रुप-ए जबकि 187 ग्रुप-बी के थे। हालांकि भारतीय राजस्व सेवा तथा कस्टम विभाग के 2 दर्जन अधिकारियों की समय पूर्व रिटायरमैंट/बर्खास्तगी की खबरें सुर्खियों में रहीं लेकिन सरकार का कहना है कि रूल 56 (जे) के तहत 312 अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी/समय पूर्व रिटायरमैंट की कार्रवाई शुरू की गई थी। 
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सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया था कि अनुशासनात्मक नियमों के तहत सरकार के पास उपलब्ध सबूतों के आधार पर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। सरकार के पास निष्ठा की कमी और निष्प्रभावी सरकारी अधिकारियों को जनहित में जबरन रिटायर करने का भी अधिकार है। इन नियमों के अनुसार जनसेवकों के कामकाज की सावधि समीक्षा और उनकी समय पूर्व रिटायरमैंट का प्रावधान है जोकि एक सतत् प्रक्रिया है। 
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सरकार ने इस बात पर जोर दिया था कि उसके पास उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है जिनकी निष्ठा संदिग्ध पाई जाती है। 40 सालों में यह पहली बार है कि किसी सरकार ने इतनी जल्दी कदम उठाते हुए वरिष्ठ स्तर के 312 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की हो। इससे सारी नौकरशाही में हड़कम्प मचा हुआ है और अब बाबू लोग सुबह 9.30 बजे ही केन्द्र सरकार के कार्यालय में पहुंच रहे हैं।


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Pardeep

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