सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी दाखिले में OBC-EWS आरक्षण को दी मंजूरी, जल्द शुरू होगी काउंसलिंग
punjabkesari.in Friday, Jan 07, 2022 - 01:08 PM (IST)
एजुकेशन डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने एक अंतरिम आदेश में वर्ष 2021-22 के राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए काउंसलिंग शुरू करने को मंजूरी दी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को 27 प्रतिशत तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए दस प्रतिशत आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए नीट पीजी के वास्ते काउंसलिंग पहले के मानदंडों के आधार पर ही होगी।
NEET PG Counselling | Supreme Court will announce the judgement on Other Backward Class (OBC) and Economically Weaker Sections (EWS) quota in PG all India quota seats (MBBS/BDS and MD/MS/MDS) case today pic.twitter.com/IajzcY3WoL
— ANI (@ANI) January 7, 2022
इस साल भी जारी रहेगा EWS
पीठ ने कहा, ‘‘नीट-पीजी 2021 और नीट-यूजी 2021 के आधार पर काउंसलिंग 29 जुलाई 2021 को जारी नोटिस में दर्ज आरक्षण को प्रभावी बनाते हुए की जाएगी। जिसमें अखिल भारतीय कोटा सीटों पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को 27 प्रतिशत तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए दस प्रतिशत आरक्षण शामिल है।'' पीठ ने कहा कि दो दिनों में इस अदालत के समक्ष पेश सभी अभिवेदनों में विस्तृत आदेश की आवश्यकता है। पीठ ने कहा,‘‘ ईडब्ल्यू आरक्षण पर अंतरिम आदेश में कारणों के निर्धारण में कुछ वक्त लगेगा। नीट-पीजी और नीट-यूजी में अखिल भारतीय कोटा सीटों में ओबीसी आरक्षण की वैधता को निम्नलिखित कारणों से बरकरार रखा गया है।''
पीठ ने कहा, ‘‘हम पांडे समिति की सिफारिश स्वीकार करते हैं कि 2019 के कार्यालय ज्ञापन (ओएम) में निर्धारित मानदंड वर्ष 2021-22 के लिए उपयोग किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवेश प्रक्रिया अव्यवस्थित न हो सके। '' इसमें कहा गया है कि भविष्य में ईडब्ल्यूएस की पहचान के लिए पांडे समिति द्वारा निर्धारित मानदंडों की वैधता पर निर्णय याचिकाओं पर सुनवाई के बाद लिया जाएगा। केन्द्र की ओर से पेश सॉलीासिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की यह दलील की ओबीसी आरक्षण गैरकानूनी है, कानूनी रूप से टिक नही सकती।
आठ लाख रुपये की आय के मानदंड को सही ठहराया
मेहता ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आठ लाख रुपये की आय के मानदंड के क्रियान्वायन को सही ठहराते हुए कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने उचित विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है। केन्द्र ने अजय भूषण पांडे, पूर्व वित्त सचिव, वीके मल्होत्रा, सदस्य सचिव, आईसीएसएसआर और केंद्र के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल की तीन सदस्यीय समिति का पिछले साल 30 नवंबर को गठन किया था। समिति ने पिछले वर्ष 31 दिसंबर को केन्द्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था,‘‘ ईडब्ल्यूएस के लिए वर्तमान सकल वार्षिक पारिवारिक आय सीमा आठ लाख रुपये या उससे कम को बरकरार रखा जा सकता है। या अन्य शब्दों में, केवल वे परिवार जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रुपये तक है केवल वे ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ पाने के पात्र होंगे।''