45 साल पुराने इस संगठन के नाम के आगे से 'नेहरू' की होगी विदाई
punjabkesari.in Wednesday, Sep 06, 2017 - 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली: मोदी सरकार के एक फैसले से सरकार और कांग्रेस के बीच एक बार फिर तलवारें खिंच जाएंगी। दरअसल मामला नेहरू युवा केंद्र संगठन से जुड़ा है। केंद्र नेहरू युवा केंद्र संगठन से ‘नेहरू’ शब्द हटाने का मन बना रहा है। खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए एक प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। इसे कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार है। केन्द्र सरकार इसका नाम बदलकर नेशनल युवा केन्द्र संगठन करना चाहती है।
केन्द्र के तैयार प्रस्ताव में नेहरू शब्द को हटाने के कई तर्क दिए गए हैं। प्रस्ताव के मुताबिक ये संस्था अब राष्ट्रव्यापी बन गई है। वर्तामान में देश के 623 जिलों में काम कर रही है। संस्था के जरिए अब शहरी युवाओं को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा खेल मंत्रालय का कहना है कि इस योजना के तहत सूचनाओं के प्रसारण का भी काम किया जाता है। ये संगठन मोदी सरकार की योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, नमामि गंगे जैसी योजनाओं के बारे में देश भर में जागरुकता फैलाती है। एेसे में अब इसका नाम बदलकर नेशनल युवा केन्द्र संगठन कर देना चाहिए।
प्रस्ताव में इस बात की भी चर्चा है कि संस्था का नाम बदल देने के बावजूद इसका संक्षिप्त नाम NYKS ही रहेगा, क्योंकि नए नाम में सिर्फ नेहरू की जगह नेशनल शब्द जोड़ा जा रहा है। NYKS के बोर्ड ऑफ गवर्नस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि बोर्ड में नाम बदलने पर औपचारिक रुप से चर्चा हुई है लेकिन इसे अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। सूत्रों के मुताबिक इस संस्था का नाम बदलने की चर्चा तब से ही होने लगी थी जब केन्द्र में बीजेपी सरकार सत्ता में आई थी।
1972 में इस संस्था की शुरुआत की गई थी। इसका मकसद गांवों से ताल्लुक रखने वाले कम पढ़े लिखे युवाओं का व्यक्तित्व विकास था। पहले इस संस्था ने देश के 42 जिलों में अपना कामकाज शुरू किया लेकिन 1986-87 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो इस संगठन का काम देश के 311 जिलों तक पहुंच गया। उन्हीं के कार्यकाल में इस संस्था को एक सोसायटी के रुप में रजिस्टर्ड किया गया था।