अब महज 11 हजार में होगा कैंसर का इलाज, चीन के वैज्ञानिकों ने बनाई नई थेरेपी
punjabkesari.in Monday, Mar 31, 2025 - 05:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन के वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए एक नई और सस्ती तकनीक विकसित की है, जिसे 'ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी' (Oncolytic virus therapy) कहा जाता है। यह तकनीक कैंसर के ट्यूमर को नष्ट करने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करने में सक्षम है। यदि यह तकनीक बड़े पैमाने पर सफल होती है, तो कैंसर का इलाज अब अधिक प्रभावी और किफायती हो सकता है।
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज अभी भी महंगा और लंबा होता है, लेकिन इस नई तकनीक के जरिए कैंसर के इलाज की लागत में भारी कमी आ सकती है। चीन में इस तकनीक के प्रयोग के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि कैंसर मरीजों के लिए यह एक वरदान साबित हो सकता है।
ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी कैसे काम करती है?
ऑन्कोलाइटिक वायरस को वैज्ञानिकों ने इस तरह से विकसित किया है कि ये वायरस सीधे कैंसर कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं। एक बार कैंसर कोशिकाओं में प्रवेश करने के बाद, ये वायरस अपनी संख्या बढ़ाते हैं और अंततः कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। इसके अलावा, ये वायरस शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को सक्रिय कर सकते हैं, जिससे बाकी बची हुई कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जा सकता है।
चल रहे 60 क्लीनिकल ट्रायल
यह तकनीक कोई नई नहीं है, बल्कि इसे लेकर शोध करीब 100 साल पहले शुरू हुआ था। हालांकि, हाल के वर्षों में जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से इसकी क्षमता में सुधार हुआ है। अब तक इस तकनीक का उपयोग कुछ देशों जैसे अमेरिका और जापान में हो चुका है, लेकिन चीन इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। चीन में इस तकनीक पर करीब 60 क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं, जिनसे उम्मीद की जा रही है कि यह इलाज आम लोगों के लिए सुलभ और किफायती हो सकेगा।
कम लागत और अधिक प्रभावी
ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी की सबसे बड़ी विशेषता इसकी कम लागत है। अभी तक कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली CAR-T थेरेपी की कीमत करीब 1.16 करोड़ रुपए प्रति डोज होती है, जबकि ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी का एक इंजेक्शन केवल 11 हजार रुपए में उपलब्ध हो सकता है। सालभर की इस थेरेपी की कुल लागत करीब 3.3 लाख रुपए तक हो सकती है, जो मौजूदा कैंसर उपचार की तुलना में काफी सस्ती है।