गोडसे संबंधी टिप्पणी के लिए साध्वी प्रज्ञा समेत तीन को नोटिस, होगी कार्रवाई

punjabkesari.in Friday, May 17, 2019 - 09:52 PM (IST)

नई दिल्ली: भाजपा ने भोपाल से लोकसभा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत तीन पार्टी नेताओं को महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे संबंधी टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि इन नेताओं के खिलाफ ‘उपयुक्त कार्रवाई' की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बगल में बैठे अमित शाह ने कहा कि पूरी भाजपा ‘इनकी टिप्पणी के लिए खेद प्रकट करती है ।' उन्होंने कहा कि पार्टी की अनुशासन समिति ने उन्हें नोटिस जारी किया है और उन्हें जवाब देने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया है । शाह ने कहा, ‘ इसके बाद हम तत्काल उपयुक्त कदम के बारे में निर्णय करेंगे।'

भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के गोडसे संबंधी अपनी टिप्पणी पर माफी मांगने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को खरगोन में कहा कि ‘प्रज्ञा ने माफी मांग ली है, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें माफ नहीं कर पाऊंगा।' खरगोन में मोदी ने एक चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘गांधी के बारे में या गोडसे पर जो भी बातें की गई। इस प्रकार जो भी बयान दिए गए हैं, ये बहुत ही खराब हैं, खास प्रकार से घृणा के लायक हैं, आलोचना के लायक हैं।'

उन्होंने कहा, ‘सभ्य समाज के अंदर इस प्रकार की भाषा नहीं चलती। इस प्रकार की सोच नहीं चल सकती। इसलिए ऐसा करने वालों को सौ बार आगे सोचना पड़ेगा।' मोदी ने कहा,‘दूसरा उन्होंने (प्रज्ञा) माफी मांग ली, अलग बात है। लेकिन मैं अपने मन से माफ नहीं कर पाऊंगा।' 

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े और पार्टी सांसद नलिनकुमार कतील भी शुक्रवार को नाथूराम गोडसे विवाद में उतर आए और महात्मा गांधी के हत्यारे के बारे में ट्वीट किए जिसने भाजपा को असहज स्थिति में डाल दिया। गोडसे विवाद में उतरते हुए कतील ने ट्वीट किया, ‘नाथूराम द्वारा मारे गए व्यक्तियों की संख्या एक है। अजमल कसाब द्वारा मारे गए व्यक्तियों की संख्या 72 है। राजीव गांधी द्वारा मारे गए व्यक्तियों की संख्या 17000 है। अब आप मुझे बताइये सबसे क्रूर कौन व्यक्ति है?' 

एक अन्य ट्वीट केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर आया। हेगड़े की ओर से एक महिला के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा गया, ‘मुझे प्रसन्नता है कि सात दशक बाद आज की पीढ़ी एक बदले हुए वैचारिक माहौल में बहस कर रही है और दोषी को सुने जाने की अच्छी गुंजाइश देती है। नाथूराम गोडसे को भी आखिरकार इस बहस से खुशी हुई होगी।'

हेगड़े के पेज पर एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ‘ अपनी बात पर जोर देने तथा क्षमा मुद्रा से बचने का समय आ गया है। अभी नहीं ...तो कब? ' यह टिप्पणी शकुंतला अय्यर के इस ट्वीट साझा करते हुए की गई कि ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जेएनयू वामपंथी समुदाय की जागीर नहीं है। यदि वे एक पाकिस्तानी कसाब के साथ खड़े हो सकते हैं जिसने सरेआम भारतीयों की हत्या की और जिसके सबूत हैं, तो गोडसे के समर्थन में और गांधी के खिलाफ लिखी गई बातों को कम से कम पढ़ा क्यों नहीं जा सकता। सहमति या असहमति।'

ट्वीट को बाद में डिलीट कर दिया गया और हेगड़े के हैंडल पर एक अन्य ट्वीट आया। उसमें लिखा था, ‘मेरा अकाउंट कल से हैक कर लिया गया था। गांधीजी की हत्या को उचित ठहराने का कोई सवाल नहीं। गांधीजी की हत्या को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। गांधीजी द्वारा देश के लिए किए गए योगदान के प्रति हम सभी का पूर्ण सम्मान है।'


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shukdev

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