साल 2016: केजरीवाल और नीतीश के फैसले की रही धूम!

punjabkesari.in Wednesday, Dec 21, 2016 - 02:42 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ऑड ईवन योजना और बिहार सरकार का शराबबंदी का फरमान इस साल राज्य सरकारों द्वारा लीक से हटकर लिए गए असाधारण फैसले रहे,  जिन्हें लेकर इन सरकारों की सराहना और आलोचना दोनों हुईं। 

ऑड ईवन योजना 
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने दिसंबर, 2015 में सम विषम योजना की घोषणा की थी, जिसे 2016 में 15 दिनों के लिए यानिकी एक जनवरी 2016 से 15 जनवरी 2016 तक-लागू किया गया। योजना के तहत नियम बनाया गया कि सम संख्या की नंबर प्लेट वाली कार कैलेंडर की सम तारीखों वाले दिन और विषम संख्या के नंबर प्लेट वाली कार उसके अगले दिन सड़कों पर चलेगी। वहीं ट्रकों को 9 बजे की बजाय रात 11 बजे के बाद ही राष्ट्रीय राजधानी में घुसने की मंजूरी दी गई। इसके बाद योजना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच लागू किया गया, जिसका एक वर्ग ने समर्थन, तो दूसरे ने आलोचना की। 

नीतीश सरकार की शरारबंदी 
एक दूसरे बड़े और असामान्य फैसले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 अप्रैल 2016 को राज्य में शराब पर पूरी तरह रोक लगाने की घोषणा की। इस कानून का उल्लंघन करने पर 5 से 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया। 30 सितंबर 2016 को पटना उच्च न्यायालय ने इस प्रतिबंध को ‘गैरकानूनी, अव्यवहारिक और असंवैधानिक’ करार दिया। हालांकि अदालत के आदेश से पहले बिहार सरकार ने घोषणा की थी कि वह 2 अक्तूबर, 2016 को एक नया कठोर कानून लागू करेगी जिसके तहत शराब के गैरकानूनी आयात, निर्यात, उसे कहीं ले जाने, उत्पादन करने, पास रखने, बिक्री पर न्यूनतम 10 साल की जेल की सजा होगी जो बढ़ाकर उम्रकैद की जा सकती है। साथ ही 1 लाख रपए का न्यूनतम जुर्माना भी लगाया जाएगा जिसे 10 लाख रपए तक बढ़ाया जा सकता है। सरकार के नए कदम की काफी आलोचना हुई। इसे तानाशाही कानून बताया गया। 3 अक्तूबर, 2016 को बिहार सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने सरकार को राहत देते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।


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