next generation के लिए सरकार लेकर आई e-passports, देखें पहला लुक
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 02:40 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत सरकार अब देश के पासपोर्ट ढांचे को ऐसी टेक्नोलॉजी से अपग्रेड करने जा रही है, जिसे अभी तक दुनिया में सिर्फ चुनिंदा देश ही इस्तेमाल कर रहे हैं। अगले कुछ महीनों में जारी होने वाले हर नए पासपोर्ट में हाई-एंड सुरक्षा फीचर्स होंगे—जैसे माइक्रो-लेटर प्रिंटिंग, उभरे हुए सुरक्षा शेड, और सबसे महत्वपूर्ण RFID चिप, जिसमें नागरिक की बायोमेट्रिक जानकारी एन्क्रिप्टेड रूप में स्टोर रहेगी। यह अपग्रेड सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि भारत के पासपोर्ट को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर नई मजबूती देने की तैयारी भी है।
सरकार की योजना के तहत नया ई-पासपोर्ट सिस्टम 2035 तक पूरी तरह लागू हो जाएगा। हालांकि पुराने पासपोर्ट उनकी वैधता समाप्त होने तक मान्य रहेंगे।
कैसा होगा नया ई-पासपोर्ट?
इन अगली पीढ़ी के ई-पासपोर्ट में लगे RFID चिप और एंटीना में सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड डेटा होगा—
-
बायोमेट्रिक जानकारी
-
पासपोर्ट धारक की फोटो
-
फिंगरप्रिंट
-
व्यक्तिगत विवरण
ये सारी जानकारी ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) के मानकों के तहत डिजिटल सिग्नेचर के साथ सुरक्षित रहेगी।
कॉन्टैक्टलेस स्कैनिंग की सुविधा के कारण इमिग्रेशन पर चेकिंग बेहद तेज होगी और छेड़छाड़, नकली पासपोर्ट या डेटा कॉपी करने जैसी घटनाएं लगभग असंभव हो जाएंगी।
अब तक विदेश मंत्रालय 80 लाख से ज्यादा ई-पासपोर्ट जारी कर चुका है और विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों ने 60,000 से अधिक पासपोर्ट इसी तकनीक से जारी किए हैं।

पासपोर्ट फ्रॉड पर लगेगी स्मार्ट ब्रेक
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि नया सिस्टम पासपोर्ट फ्रॉड को लगभग समाप्त कर देगा। किसी भी आवेदन के समय व्यक्ति की बायोमेट्रिक जानकारी सेंट्रल सर्वर से मैच की जाएगी-
-
यदि किसी व्यक्ति के नाम से पहले से पासपोर्ट मौजूद है तो सिस्टम तुरंत अलर्ट देगा।
-
दोहरी पहचान बनाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
AI-पावर्ड पासपोर्ट सेवा 2.0: आवेदन प्रक्रिया अब और आसान
2025 में शुरू किया गया Passport Seva Programme 2.0 देशभर में लागू हो चुका है। नई सर्विस में शामिल हैं—
-
AI चैटबॉट और वॉइसबॉट सहायता
-
ऑनलाइन दस्तावेज़ अपलोड
-
ऑटो-फिल्ड फॉर्म
-
UPI/QR आधारित भुगतान
-
एडवांस्ड फेस रिकॉग्निशन व बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन
-
DigiLocker, Aadhaar और PAN से इंटीग्रेशन
दस्तावेज़ जांच के लिए RPA (रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन) भी शामिल किया गया है, जिससे मैनुअल त्रुटियों की संभावना लगभग समाप्त हो गई है।
पासपोर्ट सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए नोएडा, चेन्नई और बेंगलुरु में अत्याधुनिक डेटा सेंटर तैयार किए गए हैं।
देशभर में पासपोर्ट सुविधाओं का बड़ा विस्तार
-
हर साल 1.5 करोड़ से ज्यादा पासपोर्ट जारी होते हैं।
-
मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन अब सभी 37 RPO में तैनात हैं।
-
देश की सिर्फ 32 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहाँ अभी PSK/POPSK नहीं है—इन्हें अगले छह महीनों में कवर करने की तैयारी है।
सरकार का दावा है कि नए सिस्टम ने आवेदन से लेकर पासपोर्ट जारी होने तक की पूरी प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और काफी सुरक्षित बना दिया है।
