बदल जाएगा UP का नक्शा? 257 गांवों की जमीन पर बसने जा रहा नया शहर! विदेशी स्मार्ट सिटीज़ की तरह होगा निर्माण

punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 03:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  उत्तर प्रदेश अब एक और ऐतिहासिक कदम की ओर बढ़ रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के सबसे महत्वाकांक्षी शहरी विकास प्रोजेक्ट ‘न्यू नोएडा’ को हरी झंडी दे दी है। मास्टर प्लान के विस्तार में अब 144 नए गांवों को शामिल किया गया है, जिससे इस इलाके में कुल गांवों की संख्या 257 तक पहुंच गई है। 

कहां बसाया जाएगा न्यू नोएडा?
न्यू नोएडा को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की मौजूदा खामियों को ध्यान में रखते हुए बेहतर और सुनियोजित तरीके से बसाया जाएगा। इस आधुनिक शहर के लिए दादरी और बुलंदशहर के 84 गांवों की जमीन का चयन किया गया है। शहर का विकास चार चरणों में किया जाएगा और यह वर्ष 2041 तक पूरी तरह बनकर तैयार होगा। 

चार चरणों में विकास की रूपरेखा
इस प्रोजेक्ट का नाम ‘न्यू नोएडा मास्टर प्लान 2041’ रखा गया है। इसमें चरणबद्ध तरीके से विशाल भूमि क्षेत्रों को शहरी संरचना में बदला जाएगा:
पहला चरण (2023-2027): इस दौरान 3,165 हेक्टेयर जमीन पर बुनियादी ढांचे का विकास, भूमि अधिग्रहण और आवासीय व वाणिज्यिक सेक्टरों का निर्माण होगा।
दूसरा चरण (2027-2032): 3,798 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा।
तीसरा चरण (2032-2037): इस चरण में और विस्तार के साथ विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
चौथा और अंतिम चरण (2037-2041): इस अंतिम चरण में परियोजना को पूर्ण रूप से विकसित किया जाएगा।

हर चरण में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ अत्याधुनिक शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

शामिल किए गए प्रमुख गांव
इस विस्तार में बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के कई गांव शामिल हैं, जैसे अच्छेजा, अहमदपुर अगवाना, आमका, खटाना, रानौली, गेसूपुर, बिसहाड़ा, प्यावली और ऊंचा अमीपुर। इन गांवों की जमीन अधिग्रहण का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा, जिससे किसानों को जल्द आर्थिक लाभ मिलेगा।

किसानों को मिलेगा बड़ा मुआवजा 
Master Plan 2041 के अंतर्गत 141 नए गांवों के जुड़ने के बाद ग्रेटर नोएडा का कुल क्षेत्रफल करीब 55,970 हेक्टेयर हो गया है, जो पहले 22,255 हेक्टेयर था। यह भूमि खास तौर पर Greater Noida Phase-2 के विस्तार और शहर की बसावट के लिए खरीदी जाएगी। इसके साथ ही इस क्षेत्र में उद्योगों, परिवहन और अन्य सुविधाओं के विकास पर जोर दिया जाएगा, जिससे रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।

विदेशी शहरों की तरह होगा डिज़ाइन
न्यू नोएडा को पूरी तरह से विदेशी स्मार्ट सिटीज़ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। नोएडा अथॉरिटी के CEO डॉ. लोकेश एम के अनुसार, यह शहर पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ और ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस होगा। यहां की इमारतें सौर ऊर्जा, ग्रीन बिल्डिंग तकनीक और ओपन ग्रीन स्पेस के कॉन्सेप्ट पर आधारित होंगी। साथ ही नागरिकों की सुविधा के लिए अत्याधुनिक स्मार्ट सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

स्मार्ट ट्रैफिक और सुरक्षा सिस्टम
शहर में लागू होगा इंटीग्रेटेड सर्विलांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ISTMS)। इसके तहत लगाए जाएंगे स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल और हाई-टेक कैमरे, जो भीड़ और ट्रैफिक को रियल-टाइम में मॉनिटर करेंगे। इससे न केवल ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ होगी, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था भी पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी।

भविष्य का शहरी मॉडल
न्यू नोएडा केवल एक शहर नहीं, बल्कि भविष्य का भारत है। यह परियोजना लाखों लोगों को रोजगार देगी, व्यवसायिक संभावनाओं को बढ़ाएगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई गति देगी। इसमें सभी वर्गों के लोगों के लिए योजनाएं होंगी- आवास, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बेहतरीन व्यवस्था।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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