बांग्लादेश में नया विवादास्पद फरमान: अजान के समय हिंदू पूजा और लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध

punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2024 - 10:14 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बांग्लादेश में हाल ही में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदू समुदाय के खिलाफ एक नया तुगलकी फरमान जारी किया गया है। इस नए आदेश के तहत, बांग्लादेश में अजान के समय हिंदू पूजा-पाठ और लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। गृह मामलों के सलाहकार और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने इस फरमान की घोषणा की है।

आदेश की मुख्य बातें
- अजान और नमाज के समय प्रतिबंध: बांग्लादेश में अजान के समय हिंदू समुदाय के लोगों को पूजा-पाठ, भजन सुनने, और लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं होगी।
- गिरफ्तारी का प्रावधान: यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो पुलिस उसे बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।

हिंदू समुदाय पर हमले
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से हिंदू समुदाय लगातार हमलों का शिकार हो रहा है। अब तक 300 से अधिक हिंदू परिवारों और उनके घरों पर हमले हो चुके हैं। इसके अलावा, चार प्रमुख घटनाओं में हिंदुओं की मॉब लिंचिंग की गई है, और 10 से अधिक हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। 

शिक्षकों और मंदिरों पर प्रभाव
- हिंदू अध्यापकों का इस्तीफा: बांग्लादेश में 49 हिंदू अध्यापकों को विभिन्न स्थानों पर जबरन इस्तीफा देना पड़ा है।
- दुर्गा पूजा पर प्रतिबंध: नए आदेश के अनुसार, अगले महीने 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच दुर्गा पूजा पंडालों में पूजा-पाठ और लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। 

सरकारी वीडियो और विवाद
इस आदेश से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने इस निर्णय की जानकारी दी है। वीडियो में देखा जा सकता है कि इस फैसले को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसके बाद यह आदेश जारी किया गया।
 

हिंदू पंडालों की संख्या में कमी
पिछले साल बांग्लादेश में 33,000 से अधिक दुर्गा पंडाल लगाए गए थे, लेकिन इस बार संख्या में कमी आने की संभावना है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न और इन नए आदेशों के मद्देनजर, स्थानीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।

दुनिया भर में दोहरा रवैया
हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे इस उत्पीड़न पर दुनिया भर में कम ही चर्चा हो रही है। भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों के मुद्दों को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की तुलना में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न पर बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है। 

 


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Content Editor

Mahima

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