नया नागरिकता कानून किसी की भारतीय नागरिकता नहीं छीनेगा : शाह

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2019 - 08:49 PM (IST)

पोरियाहाटः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (2019) तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देगा, न कि भारत में किसी की नागरिकता को छीनेगा। शाह ने यहां भाजपा की एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल अफवाह फैला रहे हैं और अपने राजनीतिक हित साधने के लिए हिंसा भड़का रहे हैं।
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उन्होंने कहा, ‘‘नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) धार्मिक उत्पीड़न के शिकार शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए है, यह किसी भारतीय की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है।'' गृह मंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस नए कानून का अध्ययन करें और राजनीतिक दलों के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दल अपने राजनीतिक हितों के लिए अफवाह फैला रहे हैं और हिंसा भड़का रहे हैं। मैं छात्रों से एक बार सीएए का अध्ययन करने और राजनीतिक दलों के झांसे में न आने का आग्रह करता हूं।''

कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की बात कहता है और इन लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा। वहीं, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने नई दिल्ली में कहा कि नए कानून के माध्यम से संबंधित समुदायों के लोगों को स्वत: ही नागरिकता नहीं मिल जाएगी, बल्कि आवश्यक मानदंडों के पूरा होने के बाद ही नागरिकता मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘नए कानून का मतलब यह नहीं है कि सभी शरणार्थियों या अवैध प्रवासियों को अपने आप ही भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। उन्हें नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा जिसे सक्षम प्राधिकार देखेगा।'' अधिकारियों ने कहा, ‘‘संबंधित आवेदक को जरूरी मानदंड पूरे होने के बाद ही भारतीय नागरिकता दी जाएगी।''

 


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Pardeep

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