HC में बोलीं गुंजन सक्सेना, एयरफोर्स में कभी लिंग के आधार पर भेदभाव का सामना नहीं किया
punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 09:35 AM (IST)
नेशनल डेस्कः पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि उन्होंने वायुसेना में लैंगिक आधार पर किसी भेदभाव का सामना नहीं किया, जो कि एक बहुत प्रगतिशील संस्थान है। गुंजन सक्सेना ने इस बात का जिक्र किया कि वायुसेना ने करगिल युद्ध सहित राष्ट्र की सेवा करने का उन्हें एक अवसर दिया और बल द्वारा उन्हें दिए गए अवसरों के लिए वे हमेशा आभारी रहेंगी। सक्सेना ने केंद्र द्वारा दायर एक वाद में अपने हलफनामे में यह दलील दी। वाद के जरिए ‘गुंजन सक्सेना- द करगिल गर्ल' फिल्म को नेटफ्लिक्स, धर्मा प्रोडक्शंस और अन्य को इसके प्रसारण या थियेटरों में रिलीज करने या अन्य डिजिटल मंच पर प्रसारण करने से स्थायी रूप से रोके जाने का आदेश जारी करने की मांग की गई है। साथ ही बगैर अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) दिए ऐसा करने का अनुरोध किया गया है।
केंद्र के मुताबिक नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित की जा रही इस फिल्म में वायुसेना को गलत तरीके से दिखाया गया है और इसकी यह छवि पेश करने की कोशिश की गई है कि बल लैंगिक आधार पर भेदभाव करता है। सक्सेना ने जस्टिस राजीव शकधर के समक्ष दायर हलफनामे में स्पष्ट किया कि यह फिल्म कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं है, बल्कि उनके जीवन से प्रेरित है और यह फिल्म की शुरूआत में दिखाए गए दो ‘डिसक्लेमर' से यह स्पष्ट है, जो वायुसेना में शामिल होने के लिए युवतियों को प्रेरित करने का संदेश देता है। फिल्म 12 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी और इसके थिएटरों में रिलीज होने की संभावना थी जो कोरोना के चलते छह महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद गुरुवार को खुल गए।