NEET घोटाले में 700 छात्रों को निशाना बनाया गया, 300 करोड़ रुपए की ठगी का लक्ष्य : पेपर लीक माफिया

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2024 - 02:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नीट पेपर लीक घोटाले के बीच इंडिया टूडे के स्टिंग में नेटवर्क के एक अहम सदस्य ने ऑपरेशन की पेचीदगियों को समझाया। बिजेंद्र गुप्ता नाम का यह शख्स पहले भी कई पेपर लीक मामलों में शामिल रहा है और उसे दो बार गिरफ्तार किया गया, लेकिन वह पुलिस से बच निकलने में कामयाब रहा। मार्च का उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह बताते हुए नजर आ रहे हैं कि NEET-UG का पेपर लीक हो जाएगा। 

बिजेंद्र गुप्ता 2023 ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग (OSSC) परीक्षा पेपर लीक मामले, बिहार लोक सेवा आयोग और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग पेपर लीक मामले में शामिल था। पेपर लीक नेटवर्क में 24 साल के अनुभव के साथ बिजेंद्र गुप्ता का दावा है कि इस व्यवसाय में नेटवर्किंग ही मायने रखती है। इंडिया टूडे के स्टिंग ऑपरेशन में बिजेंद्र गुप्ता ने कई अहम खुलासे किए। 

इस रैकेट का लक्ष्य 200-300 करोड़ रुपए था
उन्होंने कहा कि NEET-UG पेपर लीक में 700 छात्र शामिल थे और इस रैकेट का लक्ष्य 200-300 करोड़ रुपए था। एक स्टिंग में बिजेंद्र गुप्ता ने बताया कि कैसे परिवहन के दौरान बक्से तोड़ दिए जाते हैं और ब्लैक लिस्टेड कंपनियां टेंडर पाने में कामयाब हो जाती हैं। वह NEET के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को जानता है, जो अभी फरार है और हाल ही में गिरफ्तार विशाल चौरसिया को भी जानता है। गुप्ता ने साफ शब्दों में पूरी कार्रवाई का ब्यौरा दिया।

एनटीए इसे समझ नहीं पा रहा- बिजेंद्र गुप्ता
बिजेंद्र गुप्ता ने स्टिंग में कहा, "जेल जाएंगे, फिर बेल और फिर शुरू होगा खेल।" यह पूछे जाने पर कि क्या NEET-UG पेपर लीक होने की भविष्यवाणी करने वाला उनका वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें फोन आए थे, गुप्ता ने कहा कि किसी के पास उनका नंबर नहीं था। बिजेंद्र गुप्ता ने स्टिंग में कहा, "सारा शोर तब होता है जब कुछ गलत होता है। नीट का पेपर हुआ है। आर्थिक अपराध इकाई की जांच सही दिशा में है। एनटीए इसे समझ नहीं पा रहा है।"

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे प्रश्नपत्रों से भरे बक्से परिवहन के दौरान टूट जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि ब्लैक लिस्टेड फर्मों को भी टेंडर मिल जाते हैं। गुप्ता ने कहा कि टूट-फूट तब होती है जब लॉजिस्टिक्स कंपनियां प्रश्नपत्रों को अलग-अलग परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाती हैं। स्टिंग में बिजेंद्र गुप्ता ने कहा, "लीक करने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, सरकार के ताकतवर लोगों और प्रिंटिंग प्रेस से संपर्क करना, आदि।"

मास्टरमाइंड संजीव मुखिया पर 30 करोड़ का कर्ज
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नीट-यूजी पेपर लीक की जांच किए जाने और संजीव मुखिया के फरार होने के बावजूद, बिजेंद्र गुप्ता ने ऑपरेशन में मुख्य आरोपी के गिरोह के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। गुप्ता ने कहा कि संजीव मुखिया, जिसने पेपर लीक में एक दशक तक काम किया था, शुरू में अपने कान पर ब्लूटूथ सेट लगाकर परीक्षा देता था। उन्होंने कहा, "संजीव मुखिया पर करीब 30 करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन वह कभी (रैकेट से) दूर नहीं हुआ।"

गुप्ता ने यह भी बताया कि संजीव मुखिया का बेटा शिव, जो बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक के लिए पहले से ही जेल में है, नीट-यूजी घोटाले में कैसे शामिल था। बिजेंद्र गुप्ता ने कहा, "जेल, फिर जमानत और खेल चलता रहता है। कोई कब तक सलाखों के पीछे रह सकता है?" उन्होंने दोहराया कि ईओयू अपनी जांच के बारे में सही काम कर रहा है, उन्होंने कहा कि न्यायपालिका एक अलग स्तर पर है क्योंकि वह सबूतों के आधार पर काम करती है।

संजीव मुखिया को पुलिस नहीं पकड़ पाएगी- बिजेंद्र गुप्ता
गुप्ता ने कहा, "पुलिस भी कानून के नियमों से बंधी हुई है।" संजीव मुखिया के बेटे ने कथित तौर पर नीट-यूजी परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को पटना में लर्न प्ले स्कूल से जुड़े लड़कों के छात्रावास में करीब 25 उम्मीदवारों को ठहराया था। बिजेंद्र गुप्ता ने यह भी दावा किया कि संजीव मुखिया को पुलिस नहीं पकड़ पाएगी।


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Content Editor

rajesh kumar

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