दलित नहीं, आदिवासी थे हनुमान:एसटी आयोग के अध्यक्ष
punjabkesari.in Friday, Nov 30, 2018 - 06:46 PM (IST)
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवान हनुमान को दलित बताने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने दावा किया है कि वह आदिवासी थे। लखनऊ में वीरवार को एक कार्यक्रम के दौरान साय ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं लोग सोचते हैं कि भगवान राम की सेना में वानर, भालू, गिद्ध थे। ओरांव आदिवासी से संबद्ध लोगों द्वारा बोली जाने वाली कुरुख भाषा में ‘टिग्गा’ (एक गोत्र है यह) का अर्थ वानर होता है। कंवार आदिवासियों में, जिनसे मेरा संबंध है, एक गोत्र है जिसे हनुमान कहा जाता है।’
उन्होंने कहा, ‘इसी प्रकार, गिद्ध कई अनुसूचित जनजातियों में एक गोत्र है। अतएव मेरा मानना है कि वे आदिवासी समुदाय से थे और उन्होंने इस बड़ी लड़ाई में भगवान राम का साथ दिया।’ इससे पहले योगी ने मंगलवार को राजस्थान के अलवर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे। बजरंग बलि ने उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक सभी भारतीय समुदायों को एकजुट रखने का काम किया।’ इस पर राजस्थान के एक दक्षिणपंथी संगठन ने आदित्यनाथ से माफी की मांग करते हुए कानूनी नोटिस भेजा था।
#WATCH: Nand Kumar Sai,National Commission of Scheduled Tribes chairperson,says,"Log ye samajhte hain ki Ram ke sena mein Bhaloo the, banar the, giddh the...Hamara janjaati samaaj alag alag hai,kanwar samaaj mein 'hanuman' gotra' alag se hai.Ram ke saath ladai me ye log gaye the' pic.twitter.com/nrIlug9dzg
— ANI UP (@ANINewsUP) November 30, 2018