ऑफ द रिकॉर्डः चंद छोटी मछलियों को ही सजा दिलाकर खुश हो रही NCB

punjabkesari.in Tuesday, Sep 22, 2020 - 04:02 AM (IST)

नई दिल्लीः सुशांत सिंह मामले में सुर्खियों में आया नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) देशभर में नशे के गोरखधंधे पर लगाम लगाने की सबसे अहम एजैंसी है। एन.सी.बी. हर साल हजारों किलो नशीले पदार्थ बरामद करती है। हजारों गिरफ्तार भी होते हैं, लेकिन सजा चंद लोगों को और वह भी छोटी मछलियों को मिलती है। 

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2018-19 के दौरान एन.सी.बी. ने लगभग 256 किलो हैरोइन, 375 किलो अफीम, 35106 किलो गांजा, 950 किलो हशीश, 22 किलो कोकीन, 2.66 किलो मॉरफीन, 2 किलो से अधिक मैथाकुआलोन और 60 किलो से अधिक एमपैथामाइन्स पकड़ी थी।

इसके अतिरिक्त नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 7.60 लाख गोलियां, 10,300 इंजैक्शन और लगभग 128 किलो एफैड्रिन बरामद किया था। एन.सी.बी. ने विभिन्न सरकारी एजैंसियों की मदद से अरुणाचल प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मणिपुर, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 7887 एकड़ में खड़ी अफीम की अवैध फसल को भी नष्ट कराया। 

गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार एजैंसी इस दौरान आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, त्रिपुरा और तेलंगाना में 4300 एकड़ में गांजे की खड़ी फसल भी नष्ट करने में कामयाब रही मगर अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के दौरान 12 महीनों में एजैंसी केवल 61 मामलों में ही सजा दिला पाई। हालांकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वार्षिक रिपोर्ट में 2018 के दौरान नशीले पदार्थों के 49,450 मामलों में 60,156 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 

इसी तरह 2017 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार एन.सी.बी. ने 45 मामलों में सजा दिलवाई, जबकि नशीले पदार्थों की तस्करी के 33,158 मामलों में 56,006 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मजे की बात यह है कि एन.सी.बी. के अपने आंकड़े अलग ही राग अलापते रहे हैं।

एजैंसी का दावा है कि गिरफ्तार किए गए 56,006 लोगों में से 36067 पर कार्रवाई की गई और सजा 27949 लोगों को हुई। इसके विपरीत गृह मंत्रालय कह रहा है कि सजा मात्र 45 मामलों में हुई। तहकीकात में पता चला है कि ये छोटी मछलियों के मामले ही थे। अब देखना होगा कि बॉलीवुड की बड़ी मछलियों का क्या बिगड़ता है?


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Pardeep

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