खुशियों के बीच पसरा मातम! BMW हादसे में जान गंवाने वाले नवजोत सिंह की मां का छलका दर्द, बोलीं-मेरा बच्चा चला गया, बहुत बेइंसाफी हुई है!"
punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 02:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में एक तेज रफ्तार BMW कार से हुए सड़क हादसे ने एक पूरे परिवार की खुशियां छीन ली हैं। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर नवजोत सिंह की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हैं। यह हादसा सिर्फ एक टक्कर नहीं, बल्कि कई सवालों और आरोपों से घिरा हुआ है, जो न्याय व्यवस्था पर उंगलियां उठा रहे हैं।
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बेटे के जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले हादसा
नवजोत सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर ने इसी महीने अपनी शादी की 21वीं सालगिरह मनाई थी। उनके घर में जश्न का माहौल था क्योंकि अगले ही दिन यानी 16 सितंबर को उनके इकलौते बेटे का जन्मदिन था। परिवार जन्मदिन की तैयारियों की प्लानिंग कर रहा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। रविवार दोपहर को जब वे बंगला साहिब गुरुद्वारा से अपनी बाइक से घर लौट रहे थे। वापिसी के समय धौला कुआं फ्लाईओवर के पास एक तेज रफ्तार BMW ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी।
20 किलोमीटर दूर क्यों ले जाया गया अस्पताल?
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक BMW एक महिला चला रही थी और उसके साथ उसका पति भी था। हादसे के बाद आरोपियों ने घायल दंपति को तुरंत पास के बड़े अस्पतालों जैसे एम्स या सफदरजंग के बजाय 20 किलोमीटर दूर उत्तर दिल्ली के एक छोटे अस्पताल 'न्यू लाइफ' में ले जाने का फैसला किया। परिजनों का आरोप है कि इस देरी और अस्पताल की लापरवाही की वजह से नवजोत सिंह की जान चली गई। पत्नी संदीप कौर के सिर में 14 टांके आए और शरीर में कई फ्रैक्चर थे, लेकिन उन्हें दर्द का एक इंजेक्शन तक नहीं दिया गया। बाद में परिवार उन्हें खुद वेंकटेश्वर अस्पताल लेकर गया।
पुलिस और अस्पताल की भूमिका पर सवाल
मृतक नवजोत सिंह की मां गुरपाल कौर ने रोते हुए कहा कि उनके बेटे के साथ बहुत बेइंसाफी हुई है। उन्होंने और परिवार ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने शुरू से ही उन्हें गुमराह किया और सही जानकारी नहीं दी। परिवार को लगता है कि यह सब एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है ताकि आरोपी को बचाया जा सके। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या जानबूझकर घायल दंपति को दूर के अस्पताल में ले जाया गया, ताकि हादसे की गंभीरता को दबाया जा सके।
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एक मासूम का अधूरा सपना
जिस बेटे के जन्मदिन की तैयारियां चल रही थीं, उसे अपने पिता की अर्थी देखनी पड़ी। पड़ोसियों के अनुसार नवजोत सिंह एक बेहद सरल और मिलनसार व्यक्ति थे। उनकी अचानक मौत से पूरी कॉलोनी सदमे में है। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक दिल दहला देने वाली त्रासदी है, जो एक परिवार की खुशियों को पल भर में मातम में बदल गई।