Navjot Sidhu की वापसी की चर्चा तेज, पत्नी-बेटी की BJP नेता से मुलाकात ने बढ़ाई अटकलें
punjabkesari.in Monday, Nov 04, 2024 - 12:37 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राजनीति में हालिया हलचलों के बीच नवजोत सिद्धू की भाजपा में वापसी की अटकलें फिर से जोर पकड़ने लगी हैं। यह चर्चा तब शुरू हुई जब उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू और बेटी राबिया सिद्धू ने भाजपा नेता तरनजीत सिंह संधू से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है, जिससे सिद्धू दंपति की भाजपा में संभावित वापसी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस में सिद्धू की मौनता
गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू ने कुछ समय पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से वे कांग्रेस में सक्रिय रूप से दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण उनके राजनीतिक करियर पर प्रश्नचिन्ह लगने लगे हैं। उनकी अनुपस्थिति ने पार्टी के अंदर उनकी स्थिति को कमजोर कर दिया है और इस दौरान उनकी वापसी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
तरनजीत सिंह संधू के साथ मुलाकात
नवजोत कौर सिद्धू और राबिया सिद्धू की तरनजीत सिंह संधू से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस फोटो को तरनजीत सिंह संधू ने शेयर करते हुए लिखा, "समुद्री हाउस में डॉ. नवजोत कौर सिद्धू और उनकी बेटी से मुलाकात हुई। अमृतसर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई और यह एक सुखद अनुभव रहा।" इस मुलाकात के संदर्भ में कुछ प्रमुख बिंदु सामने आए हैं, जिनसे यह संकेत मिलते हैं कि सिद्धू दंपति भाजपा में वापसी के इच्छुक हो सकते हैं।
संभावित राजनीतिक बदलाव
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर नवजोत सिद्धू भाजपा में लौटते हैं, तो यह पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। तरनजीत सिंह संधू भाजपा हाईकमान के करीबी माने जाते हैं, और उनकी मौजूदगी में सिद्धू दंपति की मुलाकात से यह कयास और भी मजबूत होते हैं कि यह एक रणनीतिक वार्ता थी। हालांकि, इस मुलाकात के संदर्भ में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और ना ही सिद्धू ने इस बारे में कोई बयान दिया है। लेकिन सियासी माहौल को देखते हुए यह स्पष्ट है कि उनकी भाजपा में वापसी की संभावनाओं पर चर्चा होना शुरू हो गई है।
भविष्य की राजनीति
इस मुलाकात के बाद सिद्धू दंपति की भाजपा में संभावित वापसी की चर्चा ने पंजाब की राजनीतिक सीन में हलचल पैदा कर दी है। अगर यह अटकलें सही साबित होती हैं, तो इससे न केवल नवजोत सिद्धू का राजनीतिक भविष्य प्रभावित होगा, बल्कि भाजपा के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। भविष्य में क्या होता है, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस चर्चा ने पहले से ही पंजाब की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।