राष्ट्रीयता, भारतीयता और एकता हिंदी का मूल स्वर है: राजनाथ सिंह

punjabkesari.in Wednesday, Sep 14, 2016 - 09:06 PM (IST)

नई दिल्ली: हिंदी दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि राष्ट्रीयता, भारतीय और एकता हिंदी का मूल स्वर है और राजभाषा हिंदी सरकार एवं संपूर्ण देश की आम जनता के बीच में संवाद की भाषा होकर अपनी सार्थक भूमिका निभा रही है। 

उन्होंने कार्यालय के कार्यो में हिंदी के अधिक से अधिक उपयोग की अपील की। हिंदी दिवस पर अपने संदेश में गृह मंत्री ने कहा,‘‘भाषा किसी भी राष्ट्र की सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर की संवाहक होती है और साथ ही संपूर्ण राष्ट्र की एकता और अखंडता की महत्वपूर्ण कड़ी भी होती है। स्व-भाषा के बिना स्वराज का बोध कदापि नहीं हो सकता।’’ उन्होंने कहा,‘‘राष्ट्रीयता, भारतीयता और एकता हिंदी का मूल स्वर है और राजभाषा हिंदी सरकार एवं संपूर्ण देश की आम जनता के बीच में संवाद की भाषा होकर अपनी सार्थक भूमिका निभा रही है।’’ 

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत -संघ की राजभाषा के रूप में अंगीकार किया गया। इसी अनुक्रम में 26 जनवरी, 1950 में लागू भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार यह व्यवस्था की गई कि संघ सरकार की राजभाषा हिंदी होगी एवं इसकी लिपि होगी। 

राजनाथ ने कहा कि विश्व में सर्वप्रथम संख्यता एवं संस्कृति का उद्गम भारत भूमि पर ही हुआ। जिस भारत भूमि में योग, दशमलव-प्रणाली, ज्योतिष-विज्ञान, ग्रह-नक्ष्त्रों की दूरी और काल की गणना जैसे ज्ञान से परिपूर्ण विषयों पर उत्कृष्ट साहित्य का सृजन हुआ तो, उस देश की भाषाओं की जड़ें कितनी गहरी, समुन्नत, समृद्ध और वैज्ञानिक हो सकती हैं, इसका अनुमान लगाया जा सकता है उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं की इन्हीं विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए संविधान के अनुच्छेद 351 के अनुसार संघ सरकार को यह दायित्व सौंपा गया कि वह हिंदी भाषा का प्रसार और उसका विकास करे ताकि हिंदी भारत की सामाजिक-संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके।

 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News