कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में चाहती है बदलाव, तो क्या आसानी से सीएम कुर्सी छोड़ देंगे गहलोत !
punjabkesari.in Saturday, Oct 01, 2022 - 12:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान में चल रहे राजनीतिक ड्रामे के बीच ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हाल ही में केरल के मलप्पुरम में कहा कि राजस्थान में जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री होगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोई ड्रामा नहीं है। एक-दो दिन में सब कुछ साफ हो जाएगा और आपको पता चल जाएगा कि नया सीएम कौन बनने जा रहा है। उन्होंने दावा करते हुए यह भी कहा कि पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से एआईसीसी राष्ट्रपति चुनाव में आगे बढ़ रही है। हालांकि जिस तरह के समीकरण राजस्थान में पैदा हो चुके हैं, उनके बीच अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वर्तमान सीएम अशोक गहलोत आसानी से अपना पद छोड़ेंगे या नहीं? इस सारी उठापटक में सवाल तो यह भी अहम है कि क्या अगले सीएम सचिन पायलट होंगे?
सूबे में जारी सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सोनिया गांधी से अलग-अलग मुलाकात हुई। कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद दोनों ही दिग्गजों ने कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर फैसला अब आलाकमान लेगा। भले ही अशोक गहलोत ने गेंद पार्टी नेतृत्व के पाले में डाल दी है, लेकिन सोनिया संग मुलाकात के बाद उनकी एक चिट्ठी लीक होने के बाद तेजी से वायरल हो रही है। जिसके एक प्वाइंट में उन्होंने अपने पक्ष में बहुमत होने का दावा किया है। अशोक गहलोत की इस चिट्ठी में उन्होंने अपने पक्ष में 102 विधायक जबकि पायलट खेमे में 18 विधायक होने के संकेत दिए हैं।
जिसका सीधा मतलब है कि उन्होंने अपने हक में बहुमत का जिक्र भी पार्टी नेतृत्व के सामने किया है। वहीं चिट्ठी में एक जगह पर सीपी जोशी का नाम भी लिखा हुआ है। फिलहाल वायरल हो रही चिट्ठी यही इशारा कर रही है कि गहलोत आसानी से सीएम की कुर्सी नहीं छोड़ने वाले हैं। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अपनी गलती मानते हुए आलाकमान को माफी देने के लिए एक तरह से यह भी वास्ता दिया है कि उन्होंने पिछले 50 सालों के दौरान कांग्रेस में इंदिरा गांधी के वक्त से राजीव गांधी और उनके बाद सोनिया गांधी के संग एक वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। वहीं जानकार गहलोत की इस तरह की वाणी को एक दबाव के रूप में देख रहे हैं। बहरहाल अब देखना यह है कि कांग्रेस आलाकमान यदि नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करता है तो गहलोत का अगला कदम क्या होगा।