PM मोदी ने किया हॉस्टल्स का भूमिपूजन, बोले - भगवान राम के आशीर्वाद से मिटता है अज्ञान

punjabkesari.in Friday, Oct 15, 2021 - 12:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डिजिटल तरीके से गुजरात के सूरत शहर के बाहरी इलाके में एक छात्रावास की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम के आशीर्वाद से अज्ञान मिटता है। मोदी ने कहा कि भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है। ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है। भगवान राम के अनुसरण का अर्थ है- मानवता का और ज्ञान का अनुसरण। इसलिए गुजरात की धरती से बापू ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी।

PunjabKesari

मोदी ने कहा-सबका साथ, सबका विकास का सामर्थ्य क्या होता है, ये भी मैंने गुजरात से ही सीखा है। एक समय गुजरात में अच्छे स्कूलों की कमी थी, अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों की कमी थी। उमिया माता का आशीर्वाद लेकर, खोड़ल धाम के दर्शन करके मैंने इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को अपने साथ जोड़ा। इस स्थान को इसलिए विकसित किया गया था ताकि शिक्षा का प्रसार किया जा सके, गांव के विकास से जुड़े कामों में तेजी लाई जा सके। जो लोग गुजरात के बारे में कम जानते हैं, उन्हें मैं आज वल्लभ विद्यानगर के बारे में भी बताना चाहता हूं। आप में से काफी लोगों को पता होगा, ये स्थान, करमसद-बाकरोल और आनंद के बीच में पड़ता है।

PunjabKesari

वहीं सूरत के एक प्रमुख पाटीदार समुदाय संगठन सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज के अध्यक्ष कांजी भलाला ने कहा, पहले चरण के तहत सूरत शहर के बाहरी इलाके में स्थित वालक गांव के पास पाटीदार समुदाय के 1,000 छात्रों के लिए छात्रावास बनाया जाएगा।" उन्होंने कहा, "द्वितीय चरण में, हम 500 छात्राओं की क्षमता वाले महिला छात्रावास का निर्माण करेंगे। महिला छात्रावास का निर्माण अगले साल शुरू हो सकता है।" पीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी वराछा-कामरेज मार्ग पर स्थित वालक गांव के पास होने वाले कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। 

पीएमओ ने सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज की जानकारी देते हुए कहा, "यह 1983 में स्थापित एक पंजीकृत ट्रस्ट है और इसका मुख्य मकसद समाज के कमजोर वर्गों का शैक्षिक और सामाजिक परिवर्तन है। यह छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करने में मदद करता है और उन्हें उद्यमिता और कौशल विकास के लिए एक मंच भी मुहैया कराता है।'' भलाला ने कहा कि लड़कों के छात्रावास में एक बड़ा सभागार, पाटीदार समुदाय और उसके नेताओं के इतिहास को प्रदर्शित करने वाली एक डिजिटल गैलरी और एक पुस्तकालय होगा जिसमें सभी जातियों के छात्र जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रावास में रहने वाले छात्रों से मामूली शुल्क लिया जाएगा लेकिन छात्राओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anil dev

Recommended News

Related News