कोरोना को लेकर Twitter पर अब कुछ भी लिखना पड़ सकता है भारी, 52 ट्वीट किए गए डिलीट
punjabkesari.in Sunday, Apr 25, 2021 - 07:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर अब कुछ भी लिखना महंगा पड़ सकता है। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉम ट्विटर ने सरकार के आदेशों के बाद कोरोनो वायरस से संबंधित 52 पोस्ट हटा दिए हैं। सरकार ने इन सोशल मीडिया मंचों से इन सामग्रियों को हटाने को कहा जो महामारी से संबंधित फर्जी खबरों को प्रसारित करने और वर्तमान चिकित्सा संकट से निपटने को लेकर आलोचनात्मक थी। कुछ वेरीफाइड अकाउंट जिनके ट्वीट हटा दिए गए हैं उनमें कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा, संसद सदस्य रेवंत रेड्डी, पश्चिम बंगाल के मंत्री मोलॉय घटक, अभिनेता विनीत कुमार सिंह, फिल्म निर्माता अविनाश दास, एबीपी न्यूज के संपादक पंकज झा, फिल्म निर्माता और पूर्व पत्रकार विनोद कापड़ी शामिल हैं।
इन ट्वीट्स में से अधिकांश में केंद्र सरकार द्वारा कोरोनोवायरस संक्रमण की दूसरी लहर को संभालने के तरीके और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के इन्फ्रास्ट्रक्चर को गलत ठहराया जा रहा था। मीडियानामा द्वारा दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि हटाए गए कई ट्वीट्स में दवाओं, बेड की कमी, सामूहिक दाह संस्कार और महामारी के दौरान कुंभ मेले में भीड़ की भीड़ से संबंधित सामग्री थी। ट्विटर ने कहा कि उसने भारत सरकार के कानूनी आग्रह पर कुछ एकाउंट धारकों को अपनी कार्रवाई के संबंध में अधिसूचित किया है। बहरहाल, सरकारी सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय की सिफारिश पर सोशल मीडिया मंचों से ऐसे पोस्ट और यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को हटाने को कहा था जो महामारी के खिलाफ लड़ाई को बाधित करते हैं और ऐसे तथाकथित पोस्ट के कारण लोक व्यवस्था में व्यवधान डालते हैं ।
उन्होंने बताया कि यह आदेश सोशल मीडिया मंचों का दुरूपयोग करते हुए उस पर महामारी को लेकर कुछ उपयोगकर्ताओं द्वारा फर्जी और गुमराह करने वाली सूचनाएं जारी करने के मद्देनजर डाला गया है जिनमें पुराने और संदर्भ से अलग चित्र, साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील पोस्ट तथा कोविड-19 प्रोटोकाल के बारे में गलत जानकारी शामिल है। सूत्रों ने कहा कि सरकार का रूख कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक लड़ाई को लेकर सुझावों एवं आलोचनओं को लेकर खुला है। हालांकि सोशल मीडिया मंचों का दुरूपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है।