लद्दाख में जारी तनाव चीन के साथ बड़े संघर्ष में तब्दील हो सकता है: बिपिन रावत

punjabkesari.in Saturday, Nov 07, 2020 - 11:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क: लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच देश के चीफ ऑफ डिफेन्स सर्विसेज जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सुरक्षा आकलनों के मुताबिक चीन के साथ संपूर्ण युद्ध की आशंका बहुत कम है, हालांकि सीमा पर गतिरोध, सीमा पर उल्लंघन और बिना उकसाए चीन की तरफ से सैन्य कार्रवाइयों से बड़े स्तर पर संघर्ष की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। भारत किसी भी हाल में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखाको पश्चिम की तरफ खिसकाने की चीन की मंशा सफल नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि यूं तो चीन के साथ युद्ध छिडऩे की आशंका नहीं के बराबर है, लेकिन सीमा पर जारी तनाव और चीनी सैनिकों की अतिक्रमण की कोशिशों के कारण बड़े पैमाने पर संघर्ष की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है।  

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उन्होंने एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और भारत का रुख स्पष्ट बना हुआ है। जनरल रावत ने कहा कि देश एलएसी में किसी प्रकार का बदलाव स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने देश के सामने मौजूद बाह्य सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते गठजोड़ का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे क्षेत्रीय सामरिक अस्थिरता का सर्वव्यापी खतरा पैदा होता है तथा भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है । जनरल रावत ने कहा, पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। पीएलए लद्दाख में भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अपने दुस्साहस का अप्रत्याशित परिणाम भुगत रही है। हमारा रुख स्पष्ट है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे।

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उन्होंने कहा, समग्र सुरक्षा स्थिति की बात की जाए, तो सीमा पर झड़पों, अतिक्रमण और बिना उकसावे की सामरिक सैन्य कार्रवाइयों के बड़े संघर्षों में बदलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सीडीएस ने कहा, हमने जिन दो पड़ोसी देशों के साथ युद्ध लड़े हैं और जो परमाणु हथियारों से लैस हैं, वे लगातार मिलकर काम कर रहे हैं। उनके साथ लगातार टकराव से क्षेत्रीय सामरिक अस्थिरता का सर्वव्यापी खतरा पैदा होने और उसके लगातार बढऩे की आशंका है। इससे हमारी क्षेत्रीय अखंडता और सामरिक सामंजस्य को भी खतरा पैदा होता है।'' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के लगातार छद्म युद्ध, सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ दुष्ट बयानबाजी और भारत में सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे की कोशिशों के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध और भी खराब हो गए हैं। जनरल रावत ने राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय की ओर आयोजित सम्मेलन में कहा, उरी हमले और बालाकोट में हवाई हमलों के बाद सर्जिकल हमलों ने कड़ा संदेश दिया है कि पाकिस्तान अब नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को भेजने के बाद बच नहीं सकता। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के भारत के नए तरीके के कारण पाकिस्तान में अस्पष्टता और अनिश्चितता पैदा हो गई है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की प्रतिक्रिया को लेकर उसके यहां मीडिया में आ रही खबरों से स्पष्ट है। 


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Anil dev

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