ऑफ द रिकॉर्डः राज्यसभा के उप सभापति पद के लिए नरेश गुजराल का नाम सबसे आगे

punjabkesari.in Thursday, Jul 19, 2018 - 08:31 AM (IST)

नेशनल डेस्कः यह महसूस करते हुए कि अपने खुद के उम्मीदवार को विजयी करवाने के लिए उसके पास संख्या बल नहीं, भाजपा ने राज्यसभा के उप सभापति के पद के लिए अकाली दल के नरेश गुजराल का नाम आगे किया है। भाजपा और इसके सहयोगी दलों की 244 सदस्यीय सदन में संख्या 110 है। भाजपा को इसके लिए बीजू जनता दल (बीजद) के समर्थन की जरूरत होगी जिसके 9 सांसद हैं। नरेश कुमार ने अरुण जेतली के साथ मुलाकात की जो राज्यसभा के नेता हैं। जेतली ने गुजराल को बताया है कि उन्हें बीजद, तेदेपा, इनैलो और अन्य पार्टियों से जरूरी अतिरिक्त वोट प्राप्त करने होंगे। यद्यपि शिवसेना के संजय राऊत, अन्नाद्रमुक के डाक्टर वी.के. मैत्रेयान और जनता दल यू के आर.सी.पी. सिंह के नाम भी इस पद के लिए चर्चा में हैं मगर भाजपा नेतृत्व अकाली दल के गुजराल के नाम पर खुद को सुखद महसूस करता है।
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कांग्रेस इस पद के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार मैदान में उतारने की इच्छुक है मगर तृणमूल कांग्रेस (13), टी.आर.एस. (6) और वाई.एस.आर. कांग्रेस (2) ने राज्यसभा में 21 सांसदों के साथ पहले ही एक संघीय मोर्चा बना रखा है। कांग्रेस टीम गोपाल यादव जैसे समाजवादी पार्टी के नेता को यह पद देना चाहेगी। सपा नेता बीजद समेत अन्य समान विचार वाली पार्टियों के वोट बटोर सकते हैं। यहां तक कि संघीय मोर्चा के नेता भी इनका समर्थन कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो मुकाबला बहुत रोचक हो जाएगा और भाजपा को एक नई रणनीति तैयार करनी पड़ेगी।
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कांग्रेस के राज्यसभा में 50 सांसद हैं और उसे सपा (13), माकपा (5), राजद (5), राकांपा (4), द्रमुक (4), बसपा (4) के अलावा निर्दलीय (1), मनोनीत (1), जद (एस) (1), केरल कांग्रेस (1), भाकपा (1), आई.यू.एम.एल. (1) का समर्थन मिल सकता है। इससे उसके कुल सदस्यों की संख्या 91 हो जाएगी। अगर संघीय मोर्चे ने संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार को समर्थन दे दिया तो यह संख्या 112 तक पहुंच सकती है इसलिए इस निर्णायक पद के लिए बीजद की प्रमुख भूमिका होगी। यही बड़ा कारण है कि भाजपा ने नरेश गुजराल का नाम आगे किया है जो नवीन पटनायक के करीबी मित्र हैं और इनैलो व बसपा भी उनको वोट दे सकते हैं।

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Seema Sharma

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