PM मोदी का आदेश- SC/ST दलितों के सशक्तिकरण के कार्य जनता के बीच रखें

punjabkesari.in Tuesday, Aug 07, 2018 - 12:42 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक, लोकसभा से एससी, एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक पारित होने को ऐतिहासिक बताया और पार्टी नेताओं एवं सांसदों से इन कार्यों को सक्रियता के साथ जनता के बीच रखने को कहा। सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को इसका इंतजार था। संसद ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक पारित किया है जो देश भर में ओबीसी समुदाय को मजबूत बनायेगा। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने एससी, एसटी संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने को महत्वपूर्ण पहल बताया । 

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं समाज के वंचित वर्गों के समग्र विकास की जरूरत है और उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है । इन कार्यों में इन वर्गों का सामाजिक, शैक्षणिक, आॢथक, राजनीतिक और बौद्धिक सशक्तिकरण शामिल है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने पार्टी नेताओं और सांसदों से सरकार के इन कार्यों को जनता के समक्ष मजबूती से रखने को कहा। उन्होंने सत्र समाप्त होने के बाद पार्टी सांसदों से अपने अपने क्षेत्रों में इन कार्यों को सक्रियता से एवं मुखर होकर पेश करने को कहा। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और ओबीसी समुदाय के नेता हुकुमदेव नारायण यादव ने अपनी बात रखी । 

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उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने कल अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी थी । सरकार ने जोर दिया था कि भाजपा नीत सरकार हमेशा आरक्षण की पक्षधर रही है और कार्य योजना बनाकर दलितों के सशक्तिकरण के लिये काम कर रही है। लोकसभा में कल लगभग छह घंटे तक हुई चर्चा के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को नकारते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी । कल ही राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को भी संसद की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा ने इससे संबंधित ‘संविधान (123वां संशोधन) विधेयक को 156 के मुकाबले शून्य मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। 

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Anil dev

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