गुजरात CM से देश के PM तक, 20 साल बिना ब्रेक किया काम...नरेंद्र मोदी ने निभाया हर वादा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 07, 2020 - 12:06 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य और केंद्र सरकार के प्रमुख के तौर पर 20 साल हो गए हैं। 20 साल में उन्हें अपने काम से कोई ब्रेक नहीं मिला है। गुजरात के सीएम से लेकर देश के प्रधानमंत्री के तौर पर पीएम मोदी ने मिसाल पेश की है। पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के कारसेवक से निकलकर बतौर गुजरात मुख्यमंत्री का जब दायित्व संभाला तो भाजपा के अंदर असंतोष था। ऐसी परिस्थितियों में पीएम मोदी ने न सिर्फ गुजरात में बल्कि पूरे देश में भाजपा को मजबूत करने का काम किया और केंद्र में भी अपनी पकड़ मजबूत की जिसका नतीजा पूरी दुनिया ने 2014 में देखा। 

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साल 2001 में ली गुजरात सीएम की शपथ
नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यंत्री पद की शपथ 7 अक्तूबर, 2001 को ली थी। उनके सामने सबसे पहली चुनौती आई भुज में आए विनाशकारी भूकंप की। भुज भूकंप ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। तब उन्होंने 'वाइब्रेंट गुजरात' जैसा मजबूत कदम उठाया और राज्य को फिर से खड़ा किया। गुजरात बिजली उत्पादन जैसे कई मोर्चों पर आत्मनिर्भर हो गया और आज भी देशभर में गुजरात मॉडल की काफी तारीफ होती है। गुजरात में विकास ने ऐसी रफ्तार पकड़ी की कि नरेंद्र मोदी सुर्खियों में आ गए। नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने साल 2014 में आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उनको अपना प्रधानमंत्री कैंडिडेट घोषित कर दिया। भाजपा बहुमत के साथ सत्ता में आई और उसके बाद साल 2019 में तो भाजपा ने रिकॉर्ड बना दिया और पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटे।

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दिल जीतने में माहिर पीएम मोदी
गुजरात के सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी ने राज्य के विकास को लेकर काफी काम किया। आज भी गुजरात के लोगों का पसंदीदा सीएम नरेंद्र भाई ही है। वहीं 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि देशवासियों ने साफ छवि को देखते हुए ही नरेंद्र मोदी के सिर जीत का ताज पहनाया। पीएम मोदी ने जो चुनावी वादे किए उनको न सिर्फ समयसीमा के अंदर पूरा किया बल्कि प्रभावी तरीके से लागू भी करवाया। फिर चाहे तीन तलाक हो, राम मंदिर, आर्टिकल 370 हो। कोरोना महामारी के दौरान भी पीएम मोदी ने मय रहते देश में लॉकडाउन लगवा दिया जिसके चलते देश में मृत्यु दर काफी कम है। अगर समय रहते देश में लॉकडाउन न लगता तो हालात कितने भयावह हो सकते थे इसके अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। पूरी दुनिया के नेताओं ने कोरोना संकट में किए काम पर पीएम मोदी की समझदारी की सराहना की। देशवासियों ने भी पीएम मोदी के फैसलों में पूरी निष्ठा दिखाई और उनके हर फैसले पर सहयोग किया।

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दुश्मन को जवाब देना जानते हैं पीएम मोदी
चीन हो या पाकिस्तान भारत की तरफ आंख उठाने वालों को पीएम मोदी ने अपने तरीके से जवाब देना जानते हैं। उरी अटैक और पुलवामा आतंकी हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दिया। वहीं लद्दाख में गलवान घाटी पर हुई हिंसक झड़प का जवाब पीएम मोदी ने चीनी सामान और ऐप्स को बैन करके दिया। भारत में चीनी सामान और ऐप का काफी इस्तेमाल होता रहा है, ऐसे में किसी को आर्थिक चोट देना सबसे बड़ा और अहम जवाब होता है जो पीएम मोदी ने किया। प्रधानमंत्री ने भारतीयों से लोकल पर वोकल में जोर देने की अपील की और इसका साफ असर रक्षा बंधन पर देखने को मिला जहां दुकानों पर लोगों ने स्वदेशी राखी की मांग की। वहीं टिकटॉक बैन समेत कई चीनी ऐप भारत में बैन किए गए।

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अपने हुए बेगाने
विपक्ष अक्सर किसी न किसी मुद्दे को लेकर पीएम मोदी को घेरे रहता है लेकिन अपनों ने भी भाजपा को कम दर्द नहीं दिया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के दो पुराने साथी शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल ने अलग होकर अपना-अपना रास्ता अलग कर लिया। शिवसेना ने विधानसभा चुनाव में ज्यादा मत हासिल किए तो वो बड़े पद को लेने पर अड़ गया, जब भाजपा ने मना कर दिया तो शिवसेना ने कांग्रेस और NCP के साथ मिल कर अघाड़ी सरकार बनाई। वहीं देश में कृषि बिल लागू होने पर अकाली दल खफा हो गया और NDA से इसे वापिस लेने पर जोर डाला। जब भाजपा नहीं मानी तो अकाली दल ने अपनी राहें अलग कर ली। पीएम मोदी कृषि बिल पर अपने फैसले पर अडिग रहे, उनका कहना है कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा और विरोधी ऐसा नहीं चाहते हैं इसलिए विरोध हो रहा है।


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Seema Sharma

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