मुसलमान अल्लाह की हिदायतों को मानें: शाही इमाम

punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 04:36 AM (IST)

नई दिल्ली: संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को राज्यसभा में भी पारित कर दिया गया। बिल पारित होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उसके बाद यह जल्द ही कानून बन जाएगा। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। 

दिल्ली की ऐतिहासिक फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मोहम्मद मुकर्रम से जब इस बाबत बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार अपनी तरफ से ठीक ही सोच रही है लेकिन मेरा यह मानना है कि किसी अन्य धर्म को मुसलमानों के पर्सनल लॉ पर नहीं बोलना चाहिए। एक तरीके से यह हमारे इस्लामिक शरीयत में दखलंदाजी है। उन्होंने कहा कि मुसलमान अल्लाह और उसके पैगम्बर हजरत की हिदायतों के अनुसार जिंदगी गुजारें, तो इसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। वैसे भी अल्लाह के कानून में तलाक का कोई शब्द ही नहीं है। 

शाही इमाम मुकर्रम साहब ने कहा कि यदि किसी भी परिवार में पति-पत्नी के बीच किसी भी बात को लेकर मनमुटाव हो जाता है तो बेहतर यही है कि दोनों पक्षों के रिश्तेदार आपस में बैठकर मामले को सुलझा लें, तो इसकी नौबत ही नहीं आएगी। हर धर्म में जुआ खेलना, झूठ बोलना और शराब पीना गुनाह है, हर कोई इसे मान लेगा तो न तो तलाक देना पड़ेगा और न ही थानों में एफआईआर और न ही मुकदमेबाजी होगी। देश की अदालतों में पति-पत्नी के बीच तलाक के बढ़ते कारणों के बारे में पूछे जाने पर फतेहपुरी मसजिद के शाही इमाम मुकर्रम साहब ने कहा मैं मानता हूं कि इसकी मुख्य वजह लोगों में अल्लाह का डर नहीं है। सच बोलने की हिम्मत नहीं है। 

इद्दत का खर्चा कौन देगा?: मुकर्रम साहब कहते हैं कि शरीयत के अनुसार तलाक देने के बाद मर्द को अपनी तलाकशुदा को गुजाराभत्ता चलाने के लिए कुछ माह तक लगातार रकम दी जाती है, जिसे ‘इद्दत का खर्चा’ यानी कुछ महीनों तक उसका गुजाराभत्ता दिया जाता है। लेकिन जब मर्द को तीन तलाक देने के बाद सजा हो जाएगी तो तलाकशुदा को उसका इद्दत का खर्जा कैसे और कहां से मिलेगा। जेल होने पर उसके बूढ़े माता-पिता की देखभाल और उसके बच्चों की परवरिश कौन करेगा। बेहतर होगा कि इसपर भी सरकार को सोच-विचार कर उचित कदम उठाना चाहिए। जब उसे गुजाराभत्ता ही नहीं मिलेगा तो वह महिला बच्चों की परवरिश कैसे कर पाएगी?

सरकार को दिया मशविरा
उन्होंने कहा कि ठीक है सरकार ने कदम उठा लिया है लेकिन इसके लिए सरकार को मेरा मशवरा है कि जो व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ मारपीट करते हैं। नशा कर पत्नियों पर जुल्म करते हैं, अपनी पत्नी को उसके पीहर (मायके) में छोड़कर गैर औरत के साथ सम्बंध बना लेते हैं या पत्नी के घर में रहते हुए दूसरी औरत के साथ नाजाजय सम्बंध बना लेते हैं, ऐसे मर्दों के खिलाफ सजा देने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। 


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Pardeep

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