दिल्ली में सरकारी जमीन पर नहीं बनीं मस्जिदें, माहौल बिगाड़ रहे बीजेपी सांसद

punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2019 - 08:07 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के उन दावों को खारिज कर दिया कि दिल्ली में सरकारी जमीन पर मस्जिदों और कब्रिस्तानों का निर्माण किया गया है। आयोग ने कहा है कि तथ्यान्वेषी समिति ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि ऐसी मस्जिदों और कब्रिस्तानों की सूची शहर का माहौल बिगाड़ने के लिये लापरवाह तरीके से तैयार की गई।

डीएमसी की तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक विशेष समुदाय को "निशाना" बनाने और अपने आरोपों के जरिये सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिये प्रथम दृष्ट्या वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने के आधार हैं। सामाजिक कार्यकर्ता ओवैस सुल्तान के नेतृत्व वाली समिति ने कहा कि वर्मा के इस दावे में कोई दम नहीं है कि 54 मस्जिदों और कब्रिस्तानों का निर्माण कथित रूप से सरकारी जमीन पर किया गया, विशेषकर उनके संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली में।

सुल्तान ने कहा, "मस्जिदों, कब्रिस्तानों और मदरसों की सूची सामाजिक माहौल बिगाड़ने के लिये बड़े ही लापरवाह ढंग से तैयार की गई।" उन्होंने कहा, "सरकारी जमीन पर किसी मस्जिद, कब्रिस्तान या मदरसे का निर्माण नहीं पाया गया।"

वर्मा ने हाल ही में दावा किया था कि सरकारी जमीन पर मस्जिदों और कब्रिस्तानों का निर्माण किया गया। उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर उन्हें ऐसे 54 कथित अवैध ढांचों की सूची दी थी। वर्मा के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए डीएमसी ने जांच समिति का गठन किया था। हाल ही में समिति की रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष जफर उल इस्लाम को सौंपी गई थी, जिसे बृहस्पतिवार को यहां डीएमसी दफ्तर में जारी किया गया।


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Yaspal

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