Monsoon Rain Alert: 3, 4, 5, 6, 7, 8 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट – जानें किन राज्यों में है खतरे की घंटी
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 07:21 AM (IST)

नई दिल्ली: देशभर में मानसून ने इस साल इतिहास रच दिया है। आमतौर पर 8 जुलाई के आसपास पूरे भारत में सक्रिय होने वाला मानसून, इस बार नौ दिन पहले ही, 29 जून को सम्पूर्ण देश को कवर कर चुका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इसे असामान्य लेकिन प्रभावी घटनाक्रम बताया है और इसके साथ ही अगले 6–7 दिनों तक देश के कई राज्यों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया है।
पहाड़ी राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में भारी बारिश ने पहले ही कहर बरपाना शुरू कर दिया है। कई इलाकों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर बारिश की गति यूं ही बनी रही, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने की सलाह दी गई है।
उत्तर भारत – दिल्ली, पंजाब, राजस्थान भी होंगे प्रभावित
IMD के अनुसार, उत्तर भारत के राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में भी अगले कुछ दिनों में भारी वर्षा की संभावना है। कई स्थानों पर जलभराव, ट्रैफिक बाधा और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।
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— India Meteorological Department (@Indiametdept) July 1, 2025
मध्य और पूर्वी भारत – बारिश बनेगी चुनौती
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। कुछ जिलों में अति भारी बारिश के चलते निचले इलाकों में बाढ़ और फसलों को नुकसान की आशंका है। बीते वर्षों की तरह इस बार भी बिहार और झारखंड के शहरी क्षेत्रों में जलजमाव की गंभीर समस्या देखी जा सकती है।
पश्चिमी भारत – मुंबई, गुजरात में भी बारिश का कहर
मुंबई, कोंकण, गोवा, सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश के कारण यातायात, लोकल ट्रेन सेवाएं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। मुंबई में पहले से ही भारी बारिश की स्थिति में रेड अलर्ट जारी किया गया है और रेलवे समेत नागरिक एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत – संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता ज़रूरी
असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल और नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून की बारिश के साथ भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बना हुआ है। वहीं दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी सप्ताह के मध्य में भारी बारिश हो सकती है। अत्यधिक बारिश से कृषि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश का संकेत
IMD के मासिक पूर्वानुमान के मुताबिक, जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। विशेष रूप से मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा में अधिक वर्षा के चलते बाढ़ और आपदा प्रबंधन की चुनौतियां सामने आ सकती हैं।