सिंधी महाकुंभ में मोहन भागवत बोले- हम सिंध को नहीं भूल सकते

punjabkesari.in Friday, Mar 31, 2023 - 06:40 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के 1947 में हुए विभाजन को आज‘‘कृत्रिम‘'बताते हुए कहा कि हम‘‘सिंधू‘‘और‘‘सिंध प्रदेश‘'को भूल नहीं सकते हैं। भागवत ने यहां भारतीय सिंधू सभा की ओर से आयोजित भव्य समारोह को संबोधित किया, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से सिंधी समुदाय के महिला और पुरुष शामिल हुए।

अमर शहीद हेमू कालाणी जन्मशताब्दी वर्ष पर आयोजित इस समारोह में भागवत ने कहा कि कृत्रिम विभाजन के कारण इस (सिंधी) समाज के लोग‘‘भारत‘'छोड़कर‘‘भारत‘'में आए। यह दर्द अब भी सबके मन में हैं। वे अपनी जमीन और सबकुछ छोड़कर आए। उस समय की पीढ़ी की यादों में सबकुछ अब भी है, लेकिन इस समाज की नयी पीढ़ी जो‘‘यहां‘'जन्मी है, उसे इस बात का भान कराना पुरानी पीढ़ी की ही जिम्मेदारी है।

भागवत ने देश के विभाजन के संदर्भ में कहा कि शरीर खंडित हुआ है, लेकिन ज्यादा लंबे समय तक शरीर खंडित नहीं रह सकता है। अब तो पाकिस्तान के लोग भी कहते हैं कि‘‘गलती‘'हो गयी। लेकिन हम यहीं नहीं कहते हैं कि भारत को आक्रमण करना चाहिए, क्योंकि हमारी संस्कृति और पहचान आक्रमणकारी के रूप में नहीं है। लेकिन भारत‘‘विश्व गुरू‘'बनेगा। और‘‘अखंड भारत‘'फिर से बनेगा। भागवत ने कहा कि वे यह नहीं जानते कि यह सब कैसे होगा, लेकिन ये अवश्य होगा।

भागवत ने कहा कि सिंधू ही हिंदू है। हमें सभी षड़यंत्रकारियों और षड़यंत्रों से सावधान रहना है। और अपने‘‘स्व‘'को पाने के लिए सदैव तत्पर रहना है। उन्होंने शहीद हेमू कालाणी और अन्य क्रांतिकारियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी स्व को पाने के लिए ही अपनी जान की बाजी लगाई थी। यह सब उपक्रम सिर्फ देश से अंग्रेजों को हटाकर अपनी यानी भारतीयों की सत्ता हासिल करना अकेला नहीं था। हमें अपनी संस्कृति के अनुरूप व्यवस्था स्थापित करने का कार्य करना है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधी समाज की मांगों के परिप्रेक्ष्य में अनेक घोषणाएं कीं। समारोह में भागवत और चौहान ने सिंधी समाज की विभिन्न विभूतियों का सम्मान किया।


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Content Writer

Yaspal

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