नए मंत्रियों को चुनने के लिए मोदी लाए 5 ''P'' का नया फॉर्मूला

punjabkesari.in Sunday, Sep 03, 2017 - 12:55 AM (IST)

नई दिल्लीः लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार मोदी कैबिनेट के नए सूरमाओं का फैसला हो गया है। मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले 9 चेहरों में दो यूपी, दो बिहार,1 दिल्ली, 1 राजस्थान,1 एमपी,1 कर्नाटक और 1 केरल से हैं। पार्टी के माठाधीशों ने इन्हें चुनने के लिए 5 P के नए फॉर्मूले की खोजा की। इन मापदंडों पर खरा उतरने वाले नेताओं के साथ-साथ क्षेत्रीय गणित और चुनावी राज्य का भी बखूबी ख्याल रखा गया है। 

चुने गए महारथियों में 5 P के माइने
बताया जा रहा है कि नए मंत्रियों के चुनाव का 5 P पैमाना रखा गया था। इसमें पहले P का मतलब प्रोग्रेस यानी विकास, दूसरा में पैशन यानी जुनून, तीसरे में प्रोफिशिएंसी यानी निपुणता, चौथे में पॉलिटिकल एक्युमेन यानी राजनीतिक समझ और आखरी पैमाने में प्रोफेशन एक्युमेन यानी पेशेवर अनुभव को ध्यान में रखा गया। इसका उदाहरण दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले हरदीप सिंह पुरी 1974 के आईएफस अफसर हैं, अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों के जानकार हैं।

कहीं जनाधार तो कहीं चुनावी सामंजस्य
आने वाले समय में गुजरात और हिमाचल के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि गुजरात और हिमाचल में इसी साल चुनाव की तारीखों का एेलान हो जाएगा। यहां पार्टी की स्थति पहले से ही मजबूत दिखाई दे रही है लेकिन बाकी राज्यों में चुनाव अगले दस्तक दे देगा। कर्नाटक में पहले ही भाजपा अपना खाता खोल चुकी है।

इसके चलते वहां से अनंत कुमार हेगड़े को शामिल किया है। कर्नाटक से कैबिनेट में शामिल हो रहे अनंत कुमार हेगड़े पांच बार सांसद रह चुके हैं। वे 28 साल में ही सांसद बन गए थे। यही बात केरल के लिए लागू होती है। हालांकि वहां पार्टी का कोई ज्यादा जनाधार नहीं है लेकिन कथित रुप से आरएसएल कार्यकर्ताओं के सीपीएम लोगों द्वारा हत्या करने की घटनाओं के बाद से बीजेपी लागातर इस राज्य पर फोकस बनाए हुए है। इसलिए साफ छवि वाले केरल कैडर के पूर्व आईएएस अल्फोंस कन्नथनम को जगह दी गई है। 

यूपी-बिहार में 2019 तो राजस्थान में 2018
बिहार कोटे से मोदी कैबिनेट में शामिल हुए अश्विनी चौबे राजनीति के पुराने चेहरे हैं। वे लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं। बिहार से बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। वहीं आरके सिंह केन्द्रीय गृह सचिव रह चुके हैं। उनकी पहचान एक दमदार आईएएस के तौर पर रही है। UP कोटे से आए सत्यपाल सिंह बागपत के सांसद हैं। पश्चिमी यूपी में बीजेपी का मजबूत चेहरा होने के साथ इनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है।

सत्यपाल सिंह 1980 बैट के आईपीएस अफसर हैं। पुलिस कमिश्नर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। शिव प्रताप शुक्ला यूपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। राजस्थान से आए गजेंद्र सिंह शेखावत ग्रामीण समुदाय में रोल मॉडल हैं। सिंपल जीवन जीने वाले शख्स के तौर पर जाने जाते हैं। मध्य प्रदेश से वीरेंद्र कुमार को मौका दिया गया है। वीरेंद्र कुमार अनुसूचित जाति से आते हैं।सेवा भाव से राजनीति करने वाले व्यक्ति के तौर पर उनकी पहचान है। वीरेंद्र कुमार जेपी आंदोलन से निकले राजनेता हैं। 


 


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