ऑफ द रिकॉर्डः मोदी का गडकरी को झटका, NHAI में अस्थिरता

punjabkesari.in Thursday, Jun 14, 2018 - 09:48 AM (IST)

नेशनल डेस्कः एन.एच.ए.आई. के चेयरमैन दीपक कुमार को समय से पूर्व ही उनके पद से हटाकर  बिहार का मुख्य सचिव बनाकर भेजे जाने से सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को झटका लगा है। चेयरमैन का कार्यकाल 3 वर्ष का निर्धारित है मगर एन.एच.ए.आई. में पिछले 33 महीनों के दौरान 3 चेयरमैन बदले गए हैं और गडकरी को अब स्थिति से निपटने में कठिनाई महसूस हो रही है। गडकरी वर्ष के अंत से पूर्व सभी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दौड़-धूप कर रहे हैं ताकि दुनिया को दिखा सकें कि केवल सड़क परिवहन ही ऐसा सैक्टर है जहां काम हो रहा है। उन्होंने इस तथ्य से समझौता किया है कि एन.एच.ए.आई. के चेयरमैन के चयन में उनका कोई हाथ नहीं है और यह सब पी.एम.ओ. द्वारा किया जाता है लेकिन उनकी चिंता यह है कि इस प्रक्रिया से एन.एच.ए.आई. में अस्थिरता बनी हुई है।

आर.के. सिंह के जून, 2015 में सेवानिवृत्त होने के बाद राघव चंद्र को 15 महीने के भीतर ही बाहर का रास्ता दिखाया गया। उनके उत्तराधिकारी युद्धवीर सिंह मलिक केवल 6 महीने तक ही इस पद पर रहे क्योंकि उन्हें मंत्रालय में सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया था, तब दीपक कुमार जून, 2017 में इस पद पर काबिज हुए जिन्हें 11 महीने के भीतर ही बिहार भेजा गया। एन.एच.ए.आई. एक्ट 1988 (संशोधित 2013) में कहा गया कि चेयरमैन के पद हेतु आवेदन प्राप्त करने के लिए विज्ञापन कम से कम 3 राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में दिया जाए और यह समूची चयन व नियुक्ति प्रक्रिया 4 से 6 महीने में पूरी होनी चाहिए।

बताया जाता है कि वाई.एस. मलिक और दीपक कुमार की नियुक्तियों से पूर्व पद का कोई विज्ञापन नहीं दिया गया और न ही उचित प्रक्रिया अपनाई गई। अब वाई.एस. मलिक को अस्थायी चार्ज दिया गया है और एन.एच.ए.आई. को स्थायी चेयरमैन का इंतजार है। एन.एच.ए.आई. में बार-बार चेयरमैन क्यों बदला जाता है, इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Seema Sharma

Recommended News

Related News